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J-K: आतंकियों की कमर तोड़ने के लिए सेना और पुलिस चला रही ऑपरेशन

सीमा पार से ट्रेंड विदेशी आतंकवादियों को आधुनिक हथियार, गोला-बारूद, नए संचार उपकरण और अन्य युद्ध के सामने मुहैया कराए जा रहे हैं. हाल के दिनों में कई ऑपरेशन चला गए.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
मंजीत नेगी
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  • 17 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 11:58 PM IST

भारत के खिलाफ पाकिस्तान के समर्थन से छद्म युद्ध जारी रहने और जम्मू-कश्मीर में सामान्य स्थिति को बाधित करने के बीच भारतीय सेना ने विदेशी आतंकवादियों को खत्म करने के लिए जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर अभियान शुरू किया है. उधमपुर, डोडा, किश्तवाड़ और भद्रवाह जिलों/क्षेत्रों और उसके बाद कश्मीर घाटी में घुसपैठ करने वाले और आगे बढ़ने वाले आतंकवादियों को खत्म करने का अभियान शुरू हो गया है. सुरक्षा बलों के सूत्रों ने इंडिया टुडे को यह जानकारी दी.

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उन्होंने कहा, भारतीय सुरक्षा बल अब पूरे जम्मू क्षेत्र को निशाना बना रहे हैं, जहां आतंकवादियों ने अपने पैर पसारने की कोशिश की है और वहां छिपने के लिए ठिकानों का इस्तेमाल कर रहे हैं. सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान ने जम्मू क्षेत्र में आतंकवाद को फिर से सक्रिय करने में काफी समय और संसाधन खर्च किए हैं, जहां शांति थी. पूरे क्षेत्र में आतंकी ढांचा अभी भी बरकरार है. 

सीमा पार से ट्रेंड विदेशी आतंकवादियों को आधुनिक हथियार, गोला-बारूद, नए संचार उपकरण और अन्य युद्ध के सामने मुहैया कराए जा रहे हैं. हाल के दिनों में कई ऑपरेशन चला गए. 26 जून को गंडोह में तीन आतंकवादियों को मार गिराया गया, इसके अलावा 11 जून को चत्तर गली आतंकवादी हमले को सफलतापूर्वक विफल किया गया. 

मृत आतंकवादियों से बरामद बड़ी मात्रा में हथियार इसके सबूत हैं कि इन्हें सीमा पार से लाया गया था. सीमा पार से विरोधी एजेंसियों का हाथ होने का पता चलता है. विभिन्न एजेंसियों के बीच तालमेल बढ़ाने के लिए कई उपाय किए गए हैं. इनमें जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीएपीएफ के साथ संयुक्त प्रशिक्षण शामिल है. 

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जम्मू-कश्मीर पुलिस और अन्य खुफिया एजेंसियों के बीच मजबूत खुफिया जानकारी साझा करने की व्यवस्था स्थापित की गई है. क्षेत्र में स्थानीय लोगों के दैनिक जीवन में कोई भी नुकसान और व्यवधान न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं. खुफिया सूचनाओं के लिए स्थानीय लोगों के साथ घनिष्ठ संपर्क बनाया जा रहा है. पीर पंजाल रेंज के उत्तर में कश्मीर क्षेत्र में इसी तरह की खुफिया जानकारी आधारित और क्षेत्र वर्चस्व अभियान जारी हैं.

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