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जम्मू-कश्मीर: DGP बोले- घाटी का माहौल शांतिपूर्ण, कहीं कोई हिंसा नहीं

जम्मू-कश्मीर पर केंद्र सरकार के फैसले के बाद भी माहौल शांतिपूर्ण बना हुआ है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक घाटी में हिंसा की तमाम खबरें, महज अफवाह हैं. परिस्थितियां नियंत्रण में हैं.

जम्मू-कश्मीर में सेना और वायुसेना का हाई अलर्ट (तस्वीर-IANS) जम्मू-कश्मीर में सेना और वायुसेना का हाई अलर्ट (तस्वीर-IANS)
कमलजीत संधू
  • नई दिल्ली,
  • 06 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 9:56 AM IST

  • घाटी का माहौल शांतिपूर्ण
  • हिंसा की कोई खबर नहीं
  • NSA अजित डोभाल श्रीनगर पहुंचेंगे
  • कश्मीर में नहीं हुए विरोध प्रदर्शन

जम्मू-कश्मीर राज्य के विभाजन और अनुच्छद 370 पर मोदी सरकार के फैसले के बाद भी घाटी का माहौल शांतिपूर्ण बना हुआ है. राज्य में हिंसा की एक भी खबर अब तक सामने नहीं आई है. जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने इंडिया टुडे से बात करते हुए कहा कि कश्मीर घाटी में हिंसा की कोई भी खबर गलत है. दक्षिण, उत्तर और मध्य कश्मीर में पूरी तरह से शांति का माहौल है.

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इससे पहले कयास लगाए जा रहे थे कि अगर अनुच्छेद 370 और 35-ए पर केंद्र सरकरा कोई भी फैसला करती है तो घाटी का माहौल तनावपूर्ण हो सकता है. जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक में सक्रिय पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस लीडर उमर अब्दुल्ला समेत कई नेताओं ने कहा था कि अगर 35-ए और अनुच्छेद 370 से छेड़छाड़ की गई तो घाटी का माहौल हिंसक हो जाएगा.

अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों में बदलाव के बाद जम्मू-कश्मीर में हिसंक प्रदर्शनों को रोकने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. इस बीच एनएसए अजित डोभाल भी राज्य के हालात का जायजा लेने के लिए श्रीनगर में होंगे.

केंद्र की नई व्यवस्था के मुताबिक अब जम्मू-कश्मीर की पुलिस अब सीधे केंद्र सरकार के अंतर्गत काम करेगी. घाटी में अभी भी हजारों की संख्या में सुरक्षाबल तैनात हैं और अगले आदेश तक वहां ही रहेंगे.

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जम्मू-कश्मीर में कड़े इंतजाम किए गए हैं. मौजूदा समय में अर्धसैनिक बलों के करीब एक लाख जवान मोर्चा संभाले हुए हैं. जम्मू-कश्मीर में हलचल तेज है. श्रीनगर और जम्मू में धारा 144 लागू हो चुकी है.

दोनों शहरों में मोबाइल, इंटरनेट सेवा भी बंद है. यह पहला मौका है जब घाटी में मोबाइल, इंटरनेट सेवाओं के साथ लैंडलाइन सर्विस को भी बंद कर दिया गया है. करगिल युद्ध के दौरान भी लैंडलाइन सर्विस को नहीं बंद किया गया था. घाटी में सेना और वायुसेना को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है.

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