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जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) में विधानसभा चुनाव (Assembly Election) को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई हैं. चार दिवसीय दौरे पर आज मंगलवार को श्रीनगर (Srinagar) पहुंची परिसीमन आयोग (Delimitation Commission) की टीम ने पहली सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting) की.
श्रीनगर में परिसीमन आयोग की बैठक शुरू 3:30 बजे शुरू हुई. परिसीमन आयोग की बैठक में बसपा के सदस्य भी शामिल हुए. बैठक होटल ललित में हुई. आयोग की ओर से आज सर्वदलीय बैठक (All Party Meeting) बुलाई गई थी. हालांकि बैठक में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) शामिल नहीं हुई थी.
आजतक/इंडिया टुडे से बात करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेस के वरिष्ठ नेता देवेंद्र सिंह राणा ने कहा कि उनकी पार्टी का पीडीपी के फैसले से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेस चाहती है कि जम्मू-कश्मीर में लोकतंत्र को मजबूती मिले और वह परिसीमन आयोग के साथ पूरा सहयोग करेगी.
हाल में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा जम्मू-कश्मीर के नेताओं से मुलाकात करने और उन्हें राज्य में जल्द से जल्द चुनाव कराने का आश्वासन देने के बाद परिसीमन आयोग चार दिवसीय श्रीनगर दौरे पर मंगलवार को पहुंची. इसकी अगुवाई आयोग की अध्यक्ष जस्टिस (रिटायर) रंजना प्रकाश देसाई कर रही हैं.
इसके अलावा मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा, उपचुनाव आयुक्त चंद्र भूषण के साथ परिसीमन आयोग की टीम आज श्रीनगर पहुंची. टीम यहां राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और पंजीकृत राजनीतिक दलों के नेताओं से मिलेगी. सीटों के परिसीमन से पहले आयोग सभी राजनीतिक दलों से उनकी राय लेगा.
बैठक से पीडीपी ने बनाई दूरी
जम्मू-कश्मीर में परिसीमन आयोग के आने से पहले पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने आयोग की प्रमुख जस्टिस (रि.) रंजना प्रकाश देसाई को एक चिट्ठी लिखी. यह चिट्ठी पार्टी की ओर से महासचिव गुलाम नबी लोन हंजुरा ने लिखी. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी पूर्व नियोजित' परिसीमन प्रक्रिया से दूर रहेगी.
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पीडीपी की इस चिट्ठी पर बीजेपी नेता रवींद्र रैना ने कहा कि पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर के सभी राजनीतिक नेताओं को सर्वदलीय बैठक के लिए आमंत्रित करके पूरी ईमानदारी दिखाई, लेकिन महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्मीर के लोगों को धोखा दिया, महबूबा मुफ्ती अलगाववादी समर्थक और पाकिस्तान समर्थक हैं.
कई जिलों का दौरा कर सकती है आयोग की टीम
बताया जा रहा है कि परिसीमन आयोग पहलगाम और उसके बाद जम्मू का भी दौरा कर सकता है. सीटों के परिसीमन पर बारीकी से नजर रखी जा रही है, ताकि सभी समुदाय का प्रतिनिधित्व विधानसभा में हो सके. आयोग अपने चार दिवसीय जम्मू-कश्मीर दौरे के दौरान अनंतनाग, कुलगाम, पुलवामा और शोपियां के जिला चुनाव अधिकारियों के साथ बातचीत करेगा.
परिसीमन आयोग श्रीनगर, गांदरबल, बडगाम, बांदीपोरा, बारामूला और कुपवाड़ा के डीईओ के साथ भी बातचीत करेगा. आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को निरस्त करने और लद्दाख को अलग करके जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के छह महीने बाद परिसीमन आयोग की स्थापना की गई थी
जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के अनुसार, परिसीमन आयोग विधानसभा चुनाव से पहले जम्मू-कश्मीर में निर्वाचन क्षेत्रों का नक्शा तैयार करेगा. आयोग पहली बार जम्मू-कश्मीर में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एससी) के लिए भी सीटों को आरक्षित करेगा. हालांकि, जम्मू-कश्मीर में सिर्फ 7 सीटों की संख्या बढ़ेगी.