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बीजेपी का मिशन जम्मू-कश्मीर: प्रदेश अध्यक्ष कमल खिलाने के लिए शुरू कर रहे यात्रा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जम्मू-कश्मीर में कमल खिलाने की कवायद में जुट गई है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए जम्मू-कश्मीर के दौरे पर निकल रहे हैं.

जम्मू-कश्मीर बीजेपी के अध्यक्ष रवींद्र रैना (फोटो-Twitter/Ravinder Raina) जम्मू-कश्मीर बीजेपी के अध्यक्ष रवींद्र रैना (फोटो-Twitter/Ravinder Raina)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 16 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 1:18 PM IST

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) जम्मू-कश्मीर में कमल खिलाने की कवायद में जुट गई है. भाजपा ने सदस्यता अभियान के साथ-साथ विधानसभा चुनाव की तैयारी भी शुरू कर दी है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए जम्मू-कश्मीर के दौरे पर निकल रहे हैं.

रवींद्र रैना अपनी यात्रा का आगाज आज यानी मंगलवार को नौशेरा-सुंदरबनी विधानसभा क्षेत्र से करेंगे. इसी विधानसभा सीट से वह विधायक भी रह चुके हैं और 17 जुलाई को रैना रियासी विधानसभा क्षेत्र का दौरा करेंगे.

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इसके बाद रैना 18 को रामनगर, 19 को डोडा, 20 को भद्रवाह और 21 जुलाई को इंद्रवाल विधानसभा क्षेत्र का दौरा करेंगे. इसके अलावा 22 जुलाई को किश्तवाड़ विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर कार्यकर्ताओं में नया जोश भरकर सियासी माहौल बनाएंगे.

रवींद्र रैना इस दौरे के दौरान विधानसभा क्षेत्र स्तर पर पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें करेंगे. उन्होंने इसके जरिए बीजेपी को जमीनी स्तर पर मजबूत बनाने का लक्ष्य रखा है. हालांकि अभी विधानसभा चुनाव की कोई घोषणा नहीं हुई है और न ही किसी तरह की कोई संभावना है.

2014 विधानसभा चुनाव में 25 सीटों पर भाजपा को मिली थी जीत

भाजपा ने पहली बार 2014 में 25 विधानसभा सीटें जीतकर पीडीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. हालांकि बीजेपी और पीडीपी की दोस्ती चल नहीं सकी और पिछले साल 2018 में गठबंधन टूट गया. जम्मू के इलाके में बीजेपी काफी मजबूत है और लोकसभा चुनाव 2019 में तीन सीटों पर जीत हासिल की है. ऐसे में अब भाजपा घाटी में भी अपने आधार को मजबूत करना चाहती है.

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बीजेपी के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर घाटी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) भी सक्रीय है. संघ घाटी में वीरान पड़े मंदिरों का जीर्णोद्धार और पुनरुद्धार करने से लेकर घाटी में शाखाओं का विस्तार कर उसे नई ऊंचाइयों तक पहुंचाना चाहता है. आरएसएस का शीर्ष नेतृत्व राज्य में विधानसभा क्षेत्रों के नए परिसीमन का भी समर्थन करता है ताकि उन्हें विधानसभा चुनाव में फायदा हो सके.

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