
जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ से जुड़े घोटाले में पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पैसों के गबन मामले में कई नए खुलासे किए गए हैं.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) का दावा है कि बतौर अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ में कई नियुक्तियां गलत तरीके से की. इसी के जरिए फारूक अब्दुल्ला ने क्रिकेट संघ के फंड का दुरुपयोग किया.
ईडी ने दावा किया है कि फारूक अब्दुल्ला ने अपने आर्थिक लाभ के लिए पद का दुरुपयोग किया. साल 2005 से 2011 तक बीसीसीआई ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ को करीब 110 करोड़ रुपये दिए, इनमें से करीब 45 करोड़ रुपये का गबन कर दिया गया. फारूक अब्दुल्ला इसी वक्त के बीच में क्रिकेट संघ के प्रमुख थे.
ईडी का कहना है कि इस दौरान 6 नए बैंक खाते खोले गए, जिनके जरिए कैश निकाला गया. करीब 25 करोड़ रुपये की राशि निकालकर निजी खातों में डाली गई.
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आपको बता दें कि इससे पहले ईडी ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट घोटाला मामले में एक्शन लेते हुए फारूक अब्दुल्ला की संपत्ति सीज कर दी थी. ईडी की ओर से जेके क्रिकेट एसोसिएशन के फंड घोटाले में फारूक अब्दुल्ला से संबंधित 3 घर, 2 प्लॉट और 1 कॉमर्शियल प्रॉपर्टी अटैच की थी, इनकी कीमत करीब 12 करोड़ रुपये तक की है.
गौरतलब है कि इस पूरे मामले में पहले भी ईडी की ओर से शिकंजा कसा जा रहा है. कई बार ईडी ने फारूक अब्दुल्ला से पूछताछ की है. पहले इस घोटाले की जांच सीबीआई कर रही थी, लेकिन जब पैसों की हेराफेरी की बात आई तो फिर प्रवर्तन निदेशालय ने कमान संभाल ली.