
जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए विदेशी प्रतिनिधियों के दौरे को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं. अब विदेश मंत्रालय की ओर से इन सभी सवालों का जवाब दिया गया है. विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि इस दौरे का मकसद जम्मू-कश्मीर में जमीनी स्तर पर हो रहे बदलाव को दिखाने का था.
विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि नई दिल्ली में मौजूद कुल 24 विदेशी हेड ऑफ मिशन ने 17-18 फरवरी को जम्मू-कश्मीर का दौरा किया था. इनमें बांग्लादेश, बेल्जियम, ब्राजील, नीदरलैंड, इटली, फ्रांस, फिनलैंड, स्पेन जैसे देशों के प्रतिनिधि भी शामिल थे. इससे पहले भी दो ग्रुपों ने इसी तरह का दौरा किया हुआ है.
विदेश मंत्रालय का कहना है कि लोगों में जम्मू-कश्मीर की ताजा स्थिति को जानने के लिए उत्सुकता है यही कारण है कि प्रतिनिधियों को वहां की सच्चाई बताने के लिए ये दौरा किया गया.
अपने दौरे में इन प्रतिनिधियों ने श्रीनगर, बडगाम और जम्मू का दौरा किया. विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इस दौरान प्रतिनिधियों ने जम्मू-कश्मीर के आम लोगों से भी बात की. इसके अलावा श्रीनगर में प्रतिनिधियों ने हाल ही के चुनाव में जीते हुए लोगों से भी मुलाकात की. अपने दौरे के अंत में विदेशी राजनयिकों ने उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से भी मुलाकात की थी.
आपको बता दें कि इस बार विदेशी राजनयिकों के दौरे के बीच श्रीनगर में आतंकी हमला हुआ था. श्रीनगर के सोनवर में 17 फरवरी को फायरिंग हुई थी, वो भी उस जगह जहां से करीब एक किमी. दूर विदेशी राजनयिक रुके हुए थे.