
जम्मू-कश्मीर के गवर्नर एन.एन. वोहरा राज्य के जमीनी हालात से संतुष्ट हैं और वह प्रशासन पर नजर बनाए हुए हैं. वोहरा ने राज्य में 24 घंटे की गवर्नर ग्रीवांस सेल (राज्यपाल शिकायत सेल) की शुरुआत की है और वह इसकी खुद निगरानी करते हैं.
आजतक से खास बातचीत में राज्यपाल एन.एन. वोहरा ने कहा कि वह अपने प्रशासन से संतुष्ट हैं और राज्य में जमीनी हालात में सुधार हो रहे हैं. राज्य में लंबित निकाय चुनावों के बारे में वोहरा ने कहा कि वह अभी इसके बारे में कुछ नहीं बता सकते, बाद में बताएंगे.
अमरनाथ यात्रा की समीक्षा करते हुए राज्यपाल ने अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने को कहा कि इसमें किसी तरह की अड़चन न आए.
अमरनाथ यात्रा के पहले 23 दिनों में करीब 2.5 लाख तीर्थयात्री यात्रा कर चुके हैं. राज्यपाल ने कहा कि इस बार तीर्थयात्रियों की संख्या कम है, जिसकी वजह यह है कि शुरुआत में खराब मौसम की वजह से छह दिन तक यात्रा रोक देनी पड़ी थी.
जम्मू-कश्मीर में पीडीपी और भाजपा की गठबंधन सरकार गिरने के बाद राज्य में आठवीं बार राज्यपाल शासन लागू किया गया. गत 19 जून को भाजपा ने राज्यपाल एनएन वोहरा को राज्य सरकार से समर्थन वापसी का पत्र देते हुए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की अनुशंसा की थी.
वोहरा को चौथी बार राज्य की कमान मिली है. इसके पहले 2008, 2015 और 2016 में भी राज्य में राज्यपाल शासन जब लगा था, तब वोहरा ही राज्यपाल थे. जम्मू-कश्मीर में अब तक कुल आठ बार राष्ट्रपति शासन लग चुका है. राज्य में सबसे पहले मार्च 1977 में राज्यपाल शासन लगा था. तब शेख मोहम्मद अब्दुल्ला की सरकार अल्पमत में आई थी. कांग्रेस ने नेशनल कॉन्फ्रेंस सरकार से समर्थन वापस लिया था.