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J-K: नए जमीन कानून पर गुपकार गठबंधन का बयान- केंद्र का कदम असंवैधानिक

जम्मू-कश्मीर में अब बाहरी लोग भी जमीन खरीद पाएंगे. केंद्र द्वारा लाए गए इस कानून का विरोध किया जा रहा है, मंगलवार को गुपकार समझौते के तहत बने गठबंधन ने इसपर बयान जारी किया.

अबतक कई बैठक कर चुका है पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकार डेक्लेरेशन (PTI) अबतक कई बैठक कर चुका है पीपुल्स एलायंस फॉर गुपकार डेक्लेरेशन (PTI)
शुजा उल हक
  • श्रीनगर,
  • 03 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 4:29 PM IST
  • गुपकार गठबंधन ने किया नए कानून का विरोध
  • ‘जमीन कानून पर केंद्र का फैसला स्वीकार नहीं’

केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदने को लेकर कानून में किए गए बदलाव का स्थानीय दल विरोध कर रहे हैं. गुपकार समझौते के तहत बने गठबंधन ने मंगलवार को इस मसले पर बयान जारी किया और केंद्र सरकार पर झूठ बोलने का आरोप लगाया. बयान में कहा गया है कि केंद्र द्वारा पास किया गया नया कानून पूरी तरह से गैर-संवैधानिक है और राज्य के लिए नुकसानदायक है. 

बयान में कहा गया कि जम्मू-कश्मीर को लेकर पास किया गया कानून गैर-लोकतांत्रिक है और लोगों पर सीधा हमला है. इसके अलावा दावा किया गया है कि पिछले कानूनों की वजह से ही जम्मू-कश्मीर में कोई किसान आत्महत्या नहीं करता था, लेकिन अब नए कानून के बाद इसका खतरा बढ़ने लगा है.

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आपको बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीदने के मसले पर नया कानून पास किया गया है. जिसके तहत देश का कोई भी नागरिक जम्मू-कश्मीर में जमीन खरीद सकता है, हालांकि इसमें भी कुछ नियम कानून लगाए गए हैं. 

नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी समेत कई पार्टियों ने गुपकार समझौते के तहत एक गठबंधन का गठन किया है. जो लगातार केंद्र द्वारा लाए गए जमीन के कानून का विरोध कर रहे हैं. बीते दिनों पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस की ओर से इस कानून के विरोध में प्रदर्शन भी किया गया था. 

इस कानून के विरोध में जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला की ओर से बयान दिया गया था. उमर अब्दुल्ला के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में जमीन के मालिकाना हक के कानून में जो बदलाव किए गए हैं, वो स्वीकार करने लायक नहीं हैं. अब तो बिना खेती वाली जमीन के लिए स्थानीयता का सबूत भी नहीं देना है. अब जम्मू-कश्मीर बिक्री के लिए तैयार है, जो गरीब जमीन का मालिक है अब उसे और मुश्किलें होंगी. 

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