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घाटी में बढ़ती टारगेट किलिंग से नाराज कश्मीरी पंडित, खीर भवानी मेले में ना जाने की तैयारी

जम्मू कश्मीर में सात जून को खीर भवानी मेले का आयोजन होने वाला है. हर साल बड़ी संख्या में कश्मीरी पंडित इस मेले में आते हैं. लेकिन इस साल इस मेले को बहिष्कार करने की अपील हो रही है. घाटी में जारी टारगेट किलिंग का विरोध करने की तैयारी है.

खीर भवानी मंदिर (ट्विटर) खीर भवानी मंदिर (ट्विटर)
सुनील जी भट्ट
  • जम्मू,
  • 31 मई 2022,
  • अपडेटेड 8:57 PM IST

जम्मू कश्मीर में पिछले कई दिनों से टारगेट किलिंग का दौर देखने को मिल रहा है. एक बार फिर आतंकी चुन-चुन कर कश्मीरी पंडित, बाहरी निवासी और मजदूरों को अपना निशाना बना रहे हैं. इस तनावपूर्ण माहौल के बीच कश्मीरी पंडित अब हर साल आयोजित होने वाले खीर भवानी मेले में नहीं जाने का मन बना रहे हैं. माता खीर भवानी ट्रस्ट ने एक चिट्ठी जारी कर इसकी जानकारी दी है.

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चिट्ठी में अपील की गई है कि सभी कश्मीरी पंडित इस समय एकजुट रहे और टारगेट किलिंग का विरोध करें. इसी कड़ी में उनसे कहा गया है कि वे हर साल आयोजित होने वाले खीर भवानी मेले में ना जाएं. घाटी में कश्मीरी पंडितों के लिए लड़ने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी इस साल मेले के बहिष्कार की अपील हुई है.

अब जानकारी के लिए बता दें कि सात जून को इस मेले का आयोजन होने वाला है. कश्मीरी पंडितों के लिए ये मेला किसी त्योहार से कम नहीं होता है और बड़ी संख्या में वे हर साल यहां जाते हैं. इस साल भी पांच जून को सभी मेले के लिए निकलने की तैयारी कर रहे हैं. सभी Ragnya मंदिर में दर्शन करने के लिए जाने वाले हैं. लेकिन अब क्योंकि माता खीर भवानी ट्रस्ट ने इस मेले का बहिष्कार करने की बात कर दी है, ऐसे में कश्मीरी पंडितों का उत्साह कम देखने को मिल सकता है. पिछले सालों की तुलना में भीड़ भी कम रह सकती है.

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