Advertisement

देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी दर जम्मू-कश्मीर में, क्या अनुच्छेद 370 ने बिगाड़ा काम?

सीएमआईई की रिपोर्ट बताती है कि बेरोजगारी के लिहाज से जम्मू-कश्मीर देश के राष्ट्रीय औसत से कहीं पीछे है. जनवरी 2019 और जुलाई 2019 के आंकड़ों के अनुसार देश के 5 सबसे बेरोजगार राज्यों में जम्मू-कश्मीर पहले पायदान पर है.

माना जाता है कि बढ़ती बेरोजगारी के कारण कश्मीरी युवा गलत रास्तों पर जा रहे हैं माना जाता है कि बढ़ती बेरोजगारी के कारण कश्मीरी युवा गलत रास्तों पर जा रहे हैं
राजीव दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 05 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 11:52 PM IST

  • अमित शाह बोले- अनुच्छेद 370 के कारण राज्य की तरक्की थमी
  • देश के 5 सबसे बेरोजगार राज्यों में जम्मू-कश्मीर पहले पायदान पर
  • बेरोजगारी में हरियाणा, केरल और दिल्ली से भी आगे है जम्मू-कश्मीर

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के तहत विशेष राज्य का दर्जा हटाए जाने को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में अपने संबोधन के जरिए कई फायदे गिनाए. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के कारण जम्मू-कश्मीर में पर्यटन व्यवसाय से जुड़ी बड़ी कंपनियां नहीं जा सकती, ये कंपनियां वहां गईं तो स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा. आंकड़े इस ओर तस्दीक भी करते हैं कि पर्यटन पर निर्भर जम्मू-कश्मीर की रोजगार के लिहाज से स्थिति बेहद खराब है और सबसे ज्यादा बेरोजगारी की दर इसी राज्य में है.

Advertisement

सीएमआईई (CMIE) की रिपोर्ट बताती है कि बेरोजगारी के लिहाज से जम्मू-कश्मीर देश के राष्ट्रीय औसत से कहीं पीछे है. जनवरी 2019 और जुलाई 2019 के आंकड़ों के अनुसार देश के 5 सबसे बेरोजगार राज्यों में जम्मू-कश्मीर पहले पायदान पर है.

जम्मू-कश्मीर राज्य में मासिक बेरोजगारी का दर 15 फीसदी है, जबकि इसके नीचे हरियाणा में 13.7 फीसदी, केरल में 10.0 फीसदी, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश में 9 फीसदी बेरोजगारी का दर है. बेरोजगारी दर की स्थिति जनवरी 2016 से एक-समान ही चल रही है.

नए प्रोजेक्ट्स की घोषणा में लगातार गिरावट

सीएमआईई की रिपोर्ट यह भी बताती है कि जम्मू-कश्मीर में नए प्रोजेक्ट्स की घोषणा में लगातार गिरावट आई है. 1999-2000 में नए प्रोजेक्टस का ऐलान करने के मामले में जम्मू-कश्मीर का शेयर 0.03 फीसदी था, जो 2018-19 में यह घटकर 0.02 हो गई. हालांकि पिछले 20 सालों में 2013-14 में इस राज्य का प्रदर्शन थोड़ा बेहतर रहा था और नए प्रोजेक्ट्स की घोषणा के मामले में उसने बढ़िया प्रदर्शन किया और योगदान 4.27 फीसदी तक पहुंच गया.

Advertisement

देशभर में कुल नए प्रोजेक्ट्स की घोषणा के मामले में देखा जाए तो गुजरे 20 सालों में सिर्फ 6 बार ही इस राज्य का योगदान राष्ट्रीय स्तर पर 1 फीसदी या उससे ज्यादा का रहा. 2014-15 से लेकर अब तक इस राज्य में नए प्रोजेक्ट्स की घोषणा का स्तर 1 फीसदी से कम का रहा है.

राज्य को नुकसान

नए प्रोजेक्ट्स के ऐलान में कमी आने का नुकसान राज्य को हुआ है. वहां नए उद्योगों नहीं लगने के कारण राज्य को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है. जम्मू-कश्मीर के आर्थिक सर्वे के अनुसार, 2014-15 में उद्योग जगत को 0.13 फीसदी का नुकसान उठाना पड़ा जबकि 2015-16 में यह दर 0.13 फीसदी और 2016-17 में 0.09 फीसदी तक हो गया.

राज्यसभा में अनुच्छेद 370 पर बोलते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 के कारण घाटी के गांव आज भी गरीबी में जीने को मजूबर हैं. यहां बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं इसी अनुच्छेद 370 की वजह से नहीं मिल सकीं. राज्य का विकास नहीं हो सका. हमें 5 साल दीजिए हम इसे देश के सबसे विकसित राज्य में बदल देंगे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement