Advertisement

J-K: 8.5 KM लंबी सुरंग बनकर तैयार, जम्मू से श्रीनगर जाने में डेढ़ घंटा बचेगा, जानें क्या होगा फायदा?

जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग की लंबाई 270 किलोमीटर है. बनिहाल-काजीगुंड सुरंग बन जाने से जम्मू और श्रीनगर के बीच सड़क मार्ग की दूरी 25 किलोमीटर कम हो जाएगी.

जल्द ही इसे आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा. जल्द ही इसे आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा.
अशरफ वानी
  • श्रीनगर,
  • 09 जून 2021,
  • अपडेटेड 4:40 PM IST
  • 5 साल में तैयार हुई सुरंग
  • 2,100 करोड़ आया खर्चा

जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर अहम बनिहाल-काजीगुंड सुरंग वाहनों की आवाजाही के लिए तैयार हो गई है. 2,100 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस सुरंग पर इन दिनों टेस्टिंग का काम चल रहा है जिससे कि कमीशनिंग की प्रक्रिया को पूरा किया जा सके. सुरंग के निर्माण से जुड़ी कंपनी के अधिकारियों ने आजतक को बताया कि 8.5 किलोमीटर लंबी ये सुरंग अगले कुछ हफ्तों में ऑपरेशनल हो जाएगी. इस सुरंग को पूरा होने में पांच साल लगे. 

Advertisement

जम्मू-श्रीनगर की दूरी 25 किलोमीटर कम होगी, डेढ़ घंटा बचेगा 
जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग की लंबाई 270 किलोमीटर है. बनिहाल-काजीगुंड सुरंग बन जाने से जम्मू और श्रीनगर के बीच सड़क मार्ग की दूरी 25 किलोमीटर कम हो जाएगी. अभी दोनों शहरों के बीच जितना वक्त लगता है, सुरंग के ऑपरेशनल होने के बाद उसमें डेढ़ घंटा कम लगेगा.  

घाटी की अर्थव्यवस्था के लिए गेम-चेंजर बनेगी नई सुरंग 
एक मायने में घाटी की अर्थव्यवस्था के लिए ये सुरंग गेम-चेंजर का काम करेगी. सुरंग का एक छोर काजीगुंड में और दूसरा बनिहाल में खुलता है. इससे स्थानीय लोगों को भी वाहनों से आवाजाही में समय और पैसे की बचत होगी. संभावना जताई जा रही है कि अगले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस सुरंग का उद्घाटन कर सकते हैं. 

जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग का नियमित इस्तेमाल करने वाले ट्रक ड्राइवर्स में से एक रियाज अहमद से आजतक ने बात की. रियाज अहमद ने कहा कि सुरंग के ऑपरेशनल होने के बाद ड्राइविंग पहले से आसान और सुरक्षित हो जाएगी. अभी तक इस हिस्से में सीधी चढ़ाई वाले और घुमावदार रास्तों से गुजरना पड़ता था. सर्दियों में अधिकतर सड़कें फिसलन की वजह से ब्लॉक हो जाती है लेकिन अब नई सुरंग बनने के बाद ऐसी दिक्कतों में कमी आएगी. 

Advertisement

जम्मू-कश्मीर के इस गांव के नाम रिकॉर्ड, 100 फीसदी आबादी को लगी कोरोना वैक्सीन

2016 में निर्माण कार्य ने पकड़ी थी रफ्तार 
यह सुरंग जम्मू कश्मीर के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है. इस परियोजना को 2011 में मंजूरी दी गई. 2014 में निर्माण शुरू हुआ लेकिन फंड की कमी रही. 2016 में फंड मिलने के बाद निर्माण कार्य ने रफ्तार पकडी. जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग से ही यातायात के अलावा जरूरी सामान की आवाजाही होती है. सेना के जवानों के लिए भी यही सड़क आने-जाने का जरिया है. सर्दियों में बर्फबारी की वजह से जवाहर टनल के पास ही राजमार्ग बंद हो जाता था. लेकिन नई सुरंग बनने के बाद ऐसी मुश्किलें कम होंगी. सड़क मार्ग के साथ-साथ कश्मीर को रेल मार्ग से देश के साथ जोड़ने के लिए भी काम तेजी से जारी है, इसके 2022 में पूरा होने की संभावना है.  

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement