
कश्मीर के नौहट्टा में जम्मू कश्मीर पुलिस के डीएसपी अयूब पंडित को भीड़ के द्वारा पीट-पीट कर मार देने के बाद अलगाववादियों को दी गई सुरक्षा वापस लेने की मांग उठने लगी है. राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने मीरवाइज उमर फारूख जैसे अलगाववादियों की सुरक्षा वापस लेने की मांग की है.
सुरक्षा वापस लेने की इस मांग पर प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि देश की जनता जो मांग कर रही है. वो ठीक है. गृह मंत्रालय और संबंधित विभाग इस पूरे मामले पर संज्ञान लिए हुए हैं.
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से इस सरकार में अलगाववादी नेताओं के खिलाफ जांच की जा रही है. उनकी सुरक्षा पर भी देश को आश्वस्त रहना चाहिए. केंद्र सरकार की सरकार अलगाववादियों को किसी न किसी निर्णायक मोड़ पर पहुंचाएगी.
सिंह ने कहा कि अभी हम क्या कर रहे हैं. ये अभी कह नहीं सकते. जो भी कार्रवाई हो रही है. उसको निर्णायक मोड़ तक हम लेकर जाएंगे. पिछले कुछ समय से अलगाववादियों के खिलाफ एक्शन हो रहे हैं.
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि कश्मीर के नाम पर जो लोग सियासत कर रहे थे, वो अब बेनकाब हो रहे हैं. धर्म के नाम किसी तरह की मुहिम चलाना सबसे अधर्मी बात है. देश की 125 करोड़ जनता अलगाववादियों का कच्चा चिट्ठा जान चुकी है.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में गुरुवार को भीड़ ने एक पुलिस अधिकारी को मस्जिद के बाहर ड्यूटी के दौरान पीट-पीट कर हत्या कर दी. भीड़ ने पुलिस अफसर को निर्वस्त्र करके पत्थर मारकर मार डाला. भीड़ कथित तौर पर पुलिस अधिकारी द्वारा गोलियां चलाने के बाद भड़क गई थी.
घटना के बाद से क्षेत्र में तनाव है और बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि तीसरे की पहचान कर ली गई है. जम्मू कश्मीर के डीजीपी वैध ने कहा कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.