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J-K गवर्नर बोले- ना मैंने केंद्र की ओर देखा, ना मुझ पर दबाव

गवर्नर सत्यपाल मलिक के बयान पर विवाद होने के बाद वह बयान से पलट गए हैं. उनकेबयान पर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है.

J-K गवर्नर सत्यपाल मलिक (फाइल फोटो) J-K गवर्नर सत्यपाल मलिक (फाइल फोटो)
मोहित ग्रोवर
  • नई दिल्ली,
  • 27 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 2:33 PM IST

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राज्य की विधानसभा भंग होने को लेकर बयान दिया है, जिस पर बवाल हो गया है. एक कार्यक्रम में उन्होंने बयान दिया कि अगर वह दिल्ली की तरफ देखते तो उन्हें सज्जाद लोन की सरकार बनानी पड़ती. हालांकि, बयान पर विवाद होता देख उन्होंने तुरंत सफाई भी दी.

इंडिया टुडे/ आज तक से बात करते हुए सत्यपाल मलिक ने कहा कि दिल्ली की ओर से उन्हें पूरी स्वतंत्रता दी गई थी, वहां से कोई दखल नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि मेरे कहने का मतलब था कि अगर दिल्ली की ओर से कोई आदेश आता तो सज्जाद लोन के हक में आता, अगर ऐसा होता तो मैं बेईमान गवर्नर के तौर पर जाना जाता.

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गवर्नर बोले कि सरकारें ट्वीट पर नहीं बना करती हैं, अगर उमर अब्दुल्ला या फिर महबूबा मुफ्ती को सरकार बनानी थी तो उन्हें मुझे चिट्ठी भेजनी चाहिए थी. जिसमें समर्थन पत्र की लिस्ट होती.

फैक्स मशीन को लेकर उन्होंने कहा कि आज फैक्स को गाली दी जा रही है, उस दिन ईद थी और स्टाफ छुट्टी पर था. क्या मुझे सपना आज रहा था कि कोई फैक्स आने वाला तो मशीन खुलवा लूं. उन्होंने कहा कि सरकार बनानी थी तो आकर दावा करते.

उन्होंने ये भी कहा कि विधानसभा भंग होने के फैसले से उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती खुश थे, क्योंकि उनकी काफी लंबे समय से यही मांग थी. ये निर्णय इसलिए लिया गया था ताकि राज्य में दोबारा चुनाव हो सकें.

आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर में बीजेपी ने पीडीपी से समर्थन वापस ले लिया था, जिसके बाद वहां राज्यपाल शासन लागू है. राज्यपाल शासन की मियाद पूरी होने जा रही थी, जिसके मद्देनजर राज्य में सरकार बनाने को लेकर जोड़-तोड़ चल रही थी. इसी के मद्देनजर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग करने का फैसला किया था.

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