
जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में भारतीय सेना और पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है. लंबे समय से कुपवाड़ा में एक एनजीओ की भेष में टेरर फंडिंग रैकेट सक्रिय रूप से काम कर रहा था. कुछ इनपुट के आधार पर सेना और पुलिस ने कार्रवाई की और मौके से पांच लोगों को गिरफ्तार किया. उनके पास से भारी मात्रा में विस्फोटक और दूसरी संदिग्ध वस्तुएं बरामद की गई हैं.
असल में सेना को लंबे समय से ऐसे इनपुट मिल रहे थे कि कुपवाड़ा के चीरकोटे इलाके में एक शख्स कुछ संदिग्ध गतिविधियों में शामिल है. जब उस शख्स को गिरफ्तार किया गया तो उसने पूछताछ में ये बात कबूल कर ली कि उसके साथी एनजीओ के भेष में एक टेरर फंडिंग रैकट चला रहे हैं. पुलिस ने इन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और आगे की जांच की जा रही है.
पूछताछ में पता चला है कि ये आरोपी अलग-अलग गांव में मीटिंग आयोजित किया करते थे. वहां पर इनका सिर्फ एक ही उदेश्य रहता था- युवाओं को गुमराह करना और फिर देश विरोधी गतिविधियों में उनका इस्तेमाल करना. इसके अलावा ये आरोपी काफी समय से आतंकी हमलों के लिए फंड जुटाने का काम भी कर रहे थे. जितनी मात्रा में इनके पास से विस्फोटक बरामद हुए हैं, उससे स्पष्ट है कि ये घाटी में कई हमले करने की तैयारी कर रहे थे.
बड़ी बात ये है कि ये लोग दुनिया को दिखाते थे कि गरीबों की मदद कर रहे हैं, उनके परिवारों की आर्थिक मदद कर रहे हैं, लेकिन असल में इनका काम आतंकियों के लिए फंड इकट्ठा करना था, उनके नेटवर्क को जमीन पर और ज्यादा मजबूत करने पर था. लेकिन आर्मी और पुलिस ने उनके मंसूबों को पूरा नहीं होने दिया है और किसी बड़ी घटना से पहले ही उनकी गिरफ्तारी हो गई है.