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कठुआ: सैलरी ना मिलने पर मजदूरों ने की तोड़फोड़, SSP ने भोजपुरी में समझाया

जम्मू क्षेत्र के कठुआ जिले में शुक्रवार को मजदूरों ने हंगामा किया. मजदूरों का कहना है कि मिल ने उन्हें उनकी पूरी सैलरी नहीं दी है, पुलिस के समझाने पर मजदूरों का गुस्सा कुछ हदतक शांत हुआ.

पुलिस अफसर ने भोजपुरी भाषा में लोगों को समझाया (फोटो: PTI) पुलिस अफसर ने भोजपुरी भाषा में लोगों को समझाया (फोटो: PTI)
सुनील जी भट्ट
  • कठुआ,
  • 08 मई 2020,
  • अपडेटेड 3:27 PM IST

  • कोरोना संकट के बीच मजदूरों का हंगामा
  • सैलरी ना मिलने पर मिल के बाहर प्रदर्शन

कोरोना वायरस महामारी के कारण देश में लॉकडाउन है और हजारों की संख्या में मजदूर फंसे हुए हैं. रोजगार के चक्कर में कई मजदूर फैक्ट्रियों में ही रुके हैं. जम्मू रीजन के कठुआ जिले में शुक्रवार को कपड़ा मिल में काम करने वाले मजदूरों ने जमकर हंगामा किया. मजदूरों ने आरोप लगाया कि उन्हें पूरा वेतन नहीं मिला है.

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यहां शुक्रवार को सैकड़ों मजदूर कठुआ की सड़कों पर उतरे और कपड़ा मिल के आसपास के इलाके में तोड़फोड़ शुरू कर दी. इस दौरान वहां मौजूद कई गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया गया.

यहां लोगों को समझाने पहुंचे IPS शैलेंद्र मिश्रा ने भोजपुरी भाषा में लोगों से बात की और उन्हें भरोसा दिलवाया कि वो मिल मालिक से बात कर उनकी बाकी सैलरी दिलवाएंगे.

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मजदूरों ने किया हंगामा (पीटीआई)

जब हालात बेकाबू होने लगे तो कठुआ जिले के एसएसपी मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाया गया. काफी मशक्कत करने के बाद मजदूरों ने पुलिस की बात मानी. पुलिस की ओर से भरोसा दिलवाया गया कि प्रशासन चेनाब कपड़ा मिल से उनके वेतन को लेकर बात करेगा. फिलहाल वो लोग अपने शिविर में जाएं.

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गौरतलब है कि एक जगह भीड़ एकत्रित होने की वजह से कोरोना वायरस महामारी का संकट भी बढ़ जाता है, ऐसे में प्रशासन के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही थी कि कैसे इन मजदूरों को समझाकर वापस भेजा जाए. पुलिस के समझाने पर मजदूरों का गुस्सा कुछ हदतक शांत तो हुआ लेकिन सभी अपनी मांग को लेकर अभी भी अड़े हैं.

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बता दें कि इस तरह की तस्वीरें देश के अलग-अलग हिस्सों से बीते दिनों में देखने को मिली हैं. हाल ही में सूरत में भी एक कंपनी की साइट पर बीते दिनों मजदूरों ने हंगामा किया था, तब लॉकडाउन में जबरन काम करवाने का आरोप लगाया था.

कोरोना संकट की वजह से लाखों की संख्या में मजदूर जहां थे वहां ही फंस गए. लॉकडाउन के कारण काम भी काफी कम हो रहा है, ऐसे में वेतन का संकट आ रहा है. हजारों की संख्या में मजदूर मजबूरी में पैदल ही अपने घर को रवाना हो रहे हैं.

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