
मंगलवार को उत्तरी कश्मीर के बारामूला में सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराया. इसके पास से भारी मात्रा में हथियार और पाकिस्तानी करेंसी बरामद हुई है.
मारा गया आतंकी अब्दुल कय्यूम नजर मोस्ट वॉन्टेड की लिस्ट में शामिल था. मंगलवार सुबह ये बारामूला जिले के लाछीपोरा इलाके से कश्मीर में एंट्री कर रहा था. इसी दौरान उसे सुरक्षाबलों ने मार गिराया.
हथियार और पाकिस्तानी करेंसी बरामद
कय्यूम के पास से सुरक्षाबलों ने पाकिस्तानी करेंसी बरामद की है. साथ ही बड़ी संख्या में हथियार भी बरामद किए हैं. जिसमें डिटोनेटर, रिवॉल्वर, मैग्जीन भी शामिल हैं. बताया जा रहा है कि कय्यूम 2015 में पाकिस्तान चला गया था जिसके बाद अब वो कश्मीर घाटी में घुसपैठ की कोशिश कर रहा था. ये कश्मीर का ही रहने वाला था.
मारा गया आतंकी हिज्बुल मुजाहिदीन का पुराना साथी बताया जा रहा है. फिलहाल, ये हिज्बुल से अलग हुए एक आतंकी ग्रुप को लीड कर रहा था. कय्यूम लंबे समय से पकड़ में नहीं आ रहा था. उस पर 10 लाख रुपए का इनाम भी था.
2015 तक कय्यूम हिज्बुल मुजाहिदीन के साथ जुड़ा था, लेकिन इसके बाद उसने खुद को अलग कर एक नया संगठन खड़ा कर लिया. कय्यूम के इस आतंकी संगठन का नाम 'लश्कर-ए इस्लाम' है. इस संगठन पर सरकार से संबंधों के शक में पूर्व आतंकियों और हुर्रियत नेताओं को मारने के आरोप हैं. साथ ही मोबाइल टॉवर पर अटैक के भी इस संगठन पर आरोप हैं. कय्यूम पाकिस्तान भी गया था. कश्मीर इसी साल पाकिस्तान चला गया था.
जम्मू-कश्मीर पुलिस में डीआईजी रैंक के एक अफसर ने बताया कि कय्यूम हिज्बुल के अलग होकर घाटी में अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहता था. इसके लिए उसने न सिर्फ सुरक्षाबलों पर हमले किए हैं, बल्कि अलगाववादी नेताओं को भी चुनौती दी है. पुलिस अफसर ने बताया कय्यूम हर किसी के खिलाफ था. वो पाकिस्तानी सेना, से लेकर ISI, लश्कर-ए तैयबा, हुर्रियत और भारतीय सेना के भी खिलाफ था.