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कश्मीर घाटी में सेना का 'ऑपरेशन ऑलआउट' फिलहाल बंद है, लेकिन सेना का एक खास 'ऑपरेशन ऑल इन' जारी है. सेना की कोशिश है कि वह संघर्ष विराम के दौरान इसका फायदा उठाया जा सके.
कश्मीर घाटी के भटके युवाओं को मुख्यधारा में लाने की जिम्मेदारी 15 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल भट्ट के पास है. जनरल भट्ट इससे पहले डीजीएमओ के पद पर भी तैनात रहे हैं. जनरल भट्ट ने कहा है कि जो स्थानीय आतंकी हथियार डालकर मुख्य धारा में आएगा उसको हम पूरा मौका देंगे. एलओसी पर पाकिस्तान और आतंकियों के साथ संघर्ष विराम नहीं है, हालांकि सेना पर हमला करने वालों को करारा जवाब दिया जाएगा.
संघर्ष विराम के दौरान सेना अलर्ट
ऐसा नहीं है कि संघर्ष विराम के दौरान सेना की चौकसी में कहीं कोई कमी है. संघर्ष विराम के दौरान कश्मीर घाटी में सेना सीधे कोई ऑपरेशन नहीं कर रही है. 'ऑपरेशन ऑलआउट' नहीं चलाया जा रहा है, लेकिन लाइन ऑफ कंट्रोल पर सेना की निगरानी में कहीं कोई कमी नहीं है.
पाकिस्तान लगातार एलओसी पर आतंकियों की घुसपैठ की कोशिश कर रहा है. सीमापार से फायरिंग की आड़ में बड़ी संख्या में आतंकी लॉन्चिंग पैड से घुसपैठ की कोशिश कर रहे हैं. सेना उन इलाकों में लगातार अपनी निगरानी को और चाक-चौबंद कर रही है.
घुसपैठ रोकने का अभियान
अब हम आपको सेना की उसी कड़ी चौकसी के बारे में बताने जा रहे हैं. हम राष्ट्रीय राइफल्स की एक घातक टुकड़ी के साथ शाम के वक्त पेट्रोलिंग पर निकल रहे हैं. यह घातक टुकड़ी सभी अत्याधुनिक हथियारों से लैस है. पेट्रोलिंग पर निकलने से पहले घातक टुकड़ी के कमांडर ने अपने जवानों से हथियारों और कम्युनिकेशन उपकरण के बारे में जानकारी ली. उसके बाद टुकड़ी जंगल के इलाके में पेट्रोलिंग के लिए निकल पड़ी है.
यह मौका है जब सीमा पर बैठे आतंकी लगातार घुसपैठ की फिराक में है. ऐसे में एलओसी से लेकर उसके अंदर लगने वाले इलाकों में सेना ने अपनी निगरानी अभियान को और तेज कर दिया है. सेना इस मौके पर आतंकियों को कोई मौका नहीं देना चाहती.
मुंहतोड़ जवाब देगी सेना
सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने अपने कश्मीर दौरे के दौरान सुरक्षा हालात का जायजा लिया. जनरल रावत ने साफ कहा कि पाकिस्तान सीमापार से लगातार घुसपैठ में मदद कर रहा है. ऐसे में सेना आतंकियों और पाकिस्तान को उसी की भाषा में जवाब देगी.
एलओसी से सटे इलाकों में सेना की निगरानी कई गुना बढ़ गई है. संघर्ष विराम के दौरान एलओसी से लगे ऐसे कई इलाके हैं जहां पर आतंकी घुसपैठ की फिराक में हैं, लेकिन सेना उनके मंसूबों पर पानी डालने के लिए तैयार है.
सेना रमजान के इस महीने में संघर्ष विराम के दौरान दोहरी रणनीति पर काम कर रही है, एक तरफ एलओसी से आतंकियों की घुसपैठ पर रोक तो दूसरी तरफ कश्मीर घाटी में स्थानीय युवाओं को मुख्यधारा में शामिल करने का 'ऑपरेशन ऑल इन'.