
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद यहां हुए जिला विकास परिषद (डीडीसी) सदस्यों के चुनावों में स्थानीय पार्टियों के गुपकार गठबंधन सबसे ज्यादा 110 सीटें जीतने में कामयाब रहा था जबकि बीजेपी को 74 सीटें मिली थीं. इसके बावजूद जिला विकास परिषद के चेयरमैन की कुर्सी पर काबिज होने की सियासी जंग में बीजेपी सबसे अव्वल साबित हुई है. बीजेपी ने जम्मू संभाग में गुपकार गठबंधन की दाल नहीं गलने दी और कश्मीर के रीजन में अल्ताफ बुखारी को मदद कर गुपकार गठबंधन को जीत से महरूम कर दिया है.
केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश में नवंबर-दिसंबर 2020 में ही जिला विकास परिषद सदस्यों के चुनाव संपन्न हुए हैं. प्रत्येक जिला परिषद में 14 सदस्य चुनकर आए हैं, जिनके द्वारा चार चरण में चेयरमैन और उप चेयरमैन के चुनाव कराए गए. प्रदेश के 20 जिलों में से 17 में जिला विकास परिषद के चेयरमैन और उपचेयरमैन पद का चुनाव पूरे हो गए हैं. इनमें सबसे ज्यादा बीजेपी ने 6 जिलों पर कब्बा जमाया है जबकि गुपकार गठबंधन को 5 जिले में ही जीत मिली है. इसके तीन जिले के चेयरमैन पद पर निर्दलीय, दो जिलों में अल्ताफ बुखारी की अपनी पार्टी और एक जिले में पीपुल्स कांग्रेस ने कब्जा जमाया. वहीं, कांग्रेस एक भी जिले में कब्जा नहीं जमा सकी है.
जम्मू में बीजेपी आधी से ज्यादा सीटें जीती
जम्मू क्षेत्र के 10 जिलो में से बीजेपी ने जम्मू, सांबा, कठुआ, रियासी, उधमपुर और डोडा में अपना चेयरमैन बनाने में सफल रही है. पुंछ जिले में निर्दलीय चेयरमैन बनने में सफल रहा जबकि कांग्रेस और नेशनल कॉफ्रेंस ने यहां पर आपस में हाथ मिला रखा था. तीन जिलों किश्तवाड़, राजौरी और रामबन में चेयरमैन पद चुनाव के लिए गुपकार एलायंस और बीजेपी व अन्य दलों में जारी खींचतान के चलते स्ठागित हो गए हैं.
कश्मीर क्षेत्र में गुपकार का बिगड़ा समीकरण
वहीं, कश्मीर के संभाग में देखें तो गुपकार गठबंधन को पांच जगह जीत मिली है. इनमें कुलगाम (CPM), पुलवामा (PDP), बांदीपुरा (NC) गांदरबल (NC) और अनंतनाग (NC) का जिला चेयरमैन बना है. अपनी पार्टी ने शोपिया और श्रीनगर में जीत दर्ज की है जबकि कुपवाड़ा जिले में पीपुल्स कांफ्रेंस ने अपना चेयरमैन बनाया है. बारामूला और बडगाम में निर्दलीय जीतने में कामयाब रहे हैं, जिसके चलते गुपकार गठबंधन सबसे ज्यादा सदस्य जीतने के बाद भी बीजेपी से चेयरमैन बनाने में पीछे रह गया है.
जम्मू-कश्मीर के जिला विकास परिषद के अध्यक्ष पद के चुनाव में गुपकार गठबंधन का खेल बिगाड़ने में अल्ताफ बुखारी का दल जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी और पीपुल्स कॉफ्रेंस सहित निर्दलीय दलों की भूमिका अहम रही है. बुखारी की अपनी पार्टी पर शुरू से बीजेपी की बी-टीम होने का आरोप लगता रहा है. श्रीनगर की जिला परिषद के चेयरमैन पद जीत में अपनी पार्टी को बीजेपी ने मदद कर गुपकार गठबंधन के अरमानों पर पानी फेर दिया.
शोपिया-कुपवाड़ा में गुपकार को मिली हार
ऐसे ही शोपियां जिले में गुपकार गठबंधन ने सात सीटें जीतीं थी, लेकिन उसके जीते दो प्रत्याशी ने अपनी पार्टी का दामन थाम लिया. इसके अलावा दो निर्दलीय सदस्य बिलाल अहमद भट और अली मोहम्मद राथर ने अपनी पार्टी की सदस्यता ले ली, जिसके गुपकार गठबंधन को शोपिया में अपनी पार्टी ने मात दे दी.
ऐसे ही समीकरणों में पीपुल्स कॉन्फेंस ने कुपवाड़ा में गुपकार के सारी समीकरण बिगाड़ दिए. वहीं, बडगाम और बारामुला में पीपुल्स कॉन्फेंस और अपनी पार्टी ने निर्दलीय के समर्थन कर गुपकार गठबंधन की कश्मीर क्षेत्र में कमर तोड़ दी. कुपवाड़ा में पीपुल्स कॉन्फेंस के इरफान पंडित पुरी सर्वसम्मति से जिला विकास परिषद का चेयरमैन बन गए हैं. वोटिंग के दौरान नेशनल कॉन्फेंस के चार सदस्य गैर हाजिर रहे, अपनी पार्टी, अवामी इतेहात पार्टी और निर्दलीय उम्मीदवारों ने ही इस चुनावी प्रक्रिया में भाग लिया. बडगाम में निर्दलीय उम्मीदवार नजीर अहमद खान को जिला विकास परिषद का चेयरमैन चुन लिया गया है, नजीर अहमद खान और उनके प्रमुख प्रतिद्वंदी नेशनल कांफ्रेंस के उम्मीदवार अब्दुल अहद डार दोनों को सात-सात वोट मिले थे. इस पर लॉटरी निकाली गई जिसमें नजीर जीत गए.
तीन जिलों के चुनाव स्थागित
जम्मू-कश्मीर के तीन जिलों के चेयरमैन पद के चुनाव स्थागित हो गए हैं. रामबन में तीन निर्दलीय और तीन बीजेपी के सदस्य थे. कांग्रेस के दो और नेशनल कॉन्फेंस के छह सदस्य थे. एनसी व कांग्रेस ने मिलकर चेयरमैन व उप चेयरमैन के लिए अपने उम्मीदवार उतारे थे और उनकी जीत लगभग तय मानी जा रही थी. अलबत्ता निर्दलीय और बीजेपी के सदस्य बैठक से अनुपिस्थित रहे और रामबन के डिप्टी कमिश्नर ने कोरम पूरा न होने का हवाला देकर चुनाव स्थगित कर दिया.
वहीं, राजौरी में पीपुल्स एलायंस में शामिल नेकां, कांग्रेस व पीडीपी के क्रमश: पांच, तीन व एक सदस्य हैं. भाजपा के तीन, अपनी पार्टी का एक और एक निर्दलीय राजौरी सदस्य हैं. गुपकार एलांयस की जीत लगभग तय नजर आ रही थी लेकिन निर्दलीय और भाजपा व अपनी पार्टी के सदस्यों ने चुनाव प्रक्रिया में भाग नहीं लिया. वह जिला विकास परिषद की बैठक में ही नहीं पहुंचे और चुनाव स्थगित हो गया. ऐसे ही किश्तवाड़ में भी यही हुआ.
किश्तवाड़ा में नेशनल कॉफ्रेंस और कांग्रेस ने मिलकर चेयरमैन व उप चेयरमैन पद के लिए पूजा भंडारी और साईमा शब्बीर को मैदान में उतारा है. किश्तवाड़ में एनसी के छह, कांग्रेस के दो और बीजेपी के तीन सदस्य हैं. तीन निर्दलीय सदस्य किश्तवाड़ में जीते हैं जो अपनी पार्टी के साथ हैं. नेशनल कॉफ्रेंस की एक महिला सदस्य अपनी पार्टी में शामिल हो गई. इसके अलावा भाजपा के सदस्यों के साथ निर्दलीय भी बैठक में शामिल नहीं हुए और कोरम पूरा नहीं होने पर चुनाव स्थगित हो गया.
नेशनल कॉन्फेंस ने लगाया धांधली का आरोप
नेशनल कांफ्रेंस नेता और पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने डीडीसी चेयरमैन चुनने में धन बल, बाहुबल के साथ डराने-धमकाने का आरोप लगाया है. उधर, जम्मू-कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला, फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को फिर नजरबंद कर दिया गया है, उमर ने रविवार ट्वीट कर लिखा, ‘यह अगस्त 2019 के बाद नया जम्मू कश्मीर है. हमें बिना कोई कारण बताए, हमारे घरों में बंद कर दिया गया है. इससे बुरा और क्या हो सकता है कि उन्होंने मुझे और मेरे पिता को हमारे घर में बंद कर दिया है.