
गृह मंत्रालय ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि जम्मू-कश्मीर में कोई नेता अब नजरबंद नहीं है. हालांकि यह जरूर स्वीकार किया कि 223 लोग आज की तारीख में हिरासत में हैं. तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत रॉय के एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने यह बात कही. संसद में रेड्डी के इस बयान पर कश्मीरी नेता और पूर्व मंत्री सज्जाद लोन ने प्रतिक्रिया दी है. लोन ने कहा कि नजरबंदी के बारे में या तो प्रदेश का प्रशासन झूठ बोल रहा है या केंद्र सरकार अपने से कुछ और कह रही है.
सज्जाद लोन ने एक ट्वीट में लिखा, "यह कितना दुखद मामला है. अगर कोई नजरबंद है तो वे ऐसा क्यों बोल रहे हैं. या तो प्रदेश का प्रशासन केंद्र सरकार से झूठ बोल रहा है या केंद्र सरकार की यह कोई नई शुरुआत है. हम यहां रहते हैं. हम आपको बता रहे हैं. लोग यहां नजरबंद हैं."
एक दूसरे ट्वीट में सज्जाद लोन ने कहा, पिछला ट्वीट मेरा उनके लिए था जो नजरबंद हैं. हालांकि मैं नजरबंद नहीं हूं. लेकिन जब मैं नजरबंद था तो आधिकारिक तौर पर ऐसा नहीं कहा गया. इसलिए सच्चाई और आधिकारिक बयान में बड़ा फर्क है. यह फर्क वैसा ही है जैसा झूठ और सच में होता है.
बता दें, लोकसभा में मंगलवार को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में फिलहाल कोई नेता नजरबंद नहीं है. रेड्डी के इस बयान के बाद कई नेताओं की ओर से प्रतिक्रिया आई है. पीडीपी नेता वाहिद पारा ने ट्वीट में लिखा कि केंद्रीय मंत्री ने संसद में कोरा झूठ बोला है कि जम्मू-कश्मीर में कोई नजरबंद नहीं है. 5 अगस्त 2019 से लेकर अब तक 7 महीने नजरबंदी के और 6 महीने हिरासत के दिन हो गए जब कई लोग बंद हैं.
ऐसी ही प्रतिक्रिया महबूबा मुफ्ती सरकार के पूर्व मंत्री नईम अख्तर ने दी. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि कई श्रेणियों के झूठ होते हैं. जैसे कि सफेद झूठ, न्यायिक झूठ (शपथ के वक्त बोला जाने वाला) और संसदीय झूठ. मौजूदा सरकार को इन सबमें महारत हासिल है. नईम का इशारा केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के उस बयान की तरफ था जिसमें उन्होंने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में कोई नेता नजरबंद नहीं है.