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जम्मू कश्मीर विधानसभा में कश्मीरी पंडित होंगे नामित? परिसीमन आयोग कर सकता है सिफारिश

जम्मू कश्मीर में परिसीमन आयोग का कार्यकाल 6 मई को पूरा हो रहा है. परिसीमन आयोग जम्मू कश्मीर विधानसभा में कश्मीरी पंडितों को प्रतिनिधित्व देने की सिफारिश कर सकता है.

6 मई को पूरा हो रहा है परिसीमन आयोग का कार्यकाल (फाइल फोटो) 6 मई को पूरा हो रहा है परिसीमन आयोग का कार्यकाल (फाइल फोटो)
सुनील जी भट्ट
  • जम्मू,
  • 03 मई 2022,
  • अपडेटेड 11:59 PM IST
  • परिसीमन आयोग का कार्यकाल 6 मई को हो रहा पूरा
  • जल्दी ही अपनी रिपोर्ट सौंप सकता है परिसीमन आयोग

जम्मू कश्मीर राज्य के पुनर्गठन के बाद परिसीमन की प्रक्रिया चल रही है. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर के परिसीमन के लिए गठित आयोग का कार्यकाल 6 मई को समाप्त हो रहा है. माना जा रहा है कि परिसीमन आयोग 6 मई से पहले जम्मू कश्मीर के परिसीमन की प्रक्रिया पूरी कर अपनी रिपोर्ट सौंप देगा.

परिसीमन आयोग की ओर से जम्मू कश्मीर विधानसभा में कश्मीरी पंडितों के लिए प्रतिनिधित्व की सिफारिश की जा सकती है. सूत्रों की मानें तो परिसीमन आयोग कश्मीरी पंडितों के लिए जम्मू कश्मीर विधानसभा में नामित सदस्य के रूप में प्रतिनिधित्व दिए जाने की सिफारिश कर सकता है. सूत्रों की मानें तो परिसीमन आयोग की ओर से कश्मीरी पंडितों के लिए मतदान के अधिकार की भी सिफारिश कर सकता है.

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जानकारी के मुताबिक परिसीमन आयोग पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के विस्थापित लोगों को भी विधानसभा में प्रतिनिधित्व देने की भी सिफारिश कर सकता है. भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के जम्मू कश्मीर के प्रवक्ता रणबीर सिंह पठानिया और कश्मीरी पंडित, राजनीतिक कार्यकर्ता अश्विनी चरंगू ने कहा कि कश्मीरी पंडितों को जम्मू कश्मीर की विधानसभा में प्रतिनिधित्व और मतदान का अधिकार मिलने की उम्मीद जताई.

कश्मीरी पंडितों के समूह भी जम्मू कश्मीर विधानसभा में प्रतिनिधित्व की मांग कर रहे हैं. गौरतलब है कि भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर राज्य के पुनर्गठन के बाद परिसीमन के लिए परिसीमन आयोग गठित किया था. इस आयोग का कार्यकाल 6 मई को समाप्त हो रहा है. बता दें कि उम्मीद जताई जा रही है कि परिसीमन आयोग जल्द ही अपनी रिपोर्ट सबमिट कर देगा.

 

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