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जम्मू कश्मीर: कड़ी सुरक्षा के बीच खीर भवानी मेला खत्म, 18 हजार कश्मीरी पंडित हुए शामिल

घाटी में अमरनाथ यात्रा के बाद खीर भवानी मंदिर की सबसे ज्यादा मान्यता है. घाटी में लगातार हो रहीं टारगेट किलिंग की घटनाओं को देखते हुए पहले 250 श्रद्धालुओं के ही मेले में शामिल होने का अनुमान लगाया जा रहा था, लेकिन सरकार का दावा है कि मेले में 18 हजार कश्मीरी पंडित शामिल हुए.

Kheer Bhavani Fair Kheer Bhavani Fair
सुनील जी भट्ट/अशरफ वानी
  • श्रीनगर/नई दिल्ली,
  • 08 जून 2022,
  • अपडेटेड 10:27 PM IST
  • केंद्रीय गृह मंत्री ने सुरक्षा व्यवस्था के बारे में जानकारी ली थी
  • टारगेट किलिंग के बीच कुछ कश्मीरी पंडितों ने जाने से किया था इनकार

मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले के तुलमुला इलाके में आज (8 जून) खीर भवानी मंदिर मेले का आयोजन किया गया. कश्मीर में जारी टारगेट किलिंग की घटनाओं के चलते यहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी.

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने खुद पूरे आयोजन की निगरानी की. मेले के बाद सरकार ने बयान जारी कर बताया कि ज्येष्ठ अष्टमी पर करीब 18,000 कश्मीरी पंडितों और भक्तों ने माता खीर भवानी मंदिर के दर्शन किए. शाम की आरती में करीब 2500 कश्मीरी पंडितों ने हिस्सा लिया. बता दें कि माता खीर भवानी को कश्मीरी पंडितों की देवी माना जाता है.

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कश्मीर में हो रही टारगेट किलिंग की घटनाओं को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हाइलेवल मीटिंग की थी. इसमें अमरनाथ यात्रा से लेकर खीर भवानी मेले तक की तैयारियों के बारे में जानकारी ली गई.

बता दें कि घाटी में अमरनाथ के बाद खीर भवानी मंदिर की सबसे ज्यादा मान्यता है. यहां लोग सुदूर क्षेत्रों से दर्शन करने पहुंचते हैं. इससे पहले कोरोना की वजह से ये मेला दो साल नहीं लग पाया था. घाटी में टारगेट किलिंग की घटनाओं से नाराज कश्मीरी पंडित कर्मचारियों की तरफ से मेले के बहिष्कार का ऐलान किया गया था.

आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति: शाह

इधर, मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह ने एनएसए अजीत डोभाल और एनटीआरओ प्रमुख अनिल दशमाना के साथ हाई लेवल मीटिंग में सुरक्षा के संबंध में जानकारी ली. इस बैठक में सीएपीएफ के आला अधिकारी भी शामिल हुए. इस दौरान गृह मंत्री ने आतंकवादी संगठनों द्वारा लगाए गए ड्रोन ड्रॉपिंग और स्टिकी बम के बारे में जानकारी ली. गृह मंत्री शाह ने कहा कि मोदी सरकार की आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति है. उन्होंने नए सिरे से रणनीति बनने और आतंकियों को घेरने के निर्देश दिए. बता दें कि अक्टूबर 2021 गृह मंत्री अमित शाह खीर भवानी मंदिर पहुंचे थे और दर्शन किए थे.

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गृह मंत्री की 15 दिन में ये दूसरी हाई लेवल मीटिंग 

गृह मंत्री अमित शाह 15 दिन में दो बैठक कर चुके हैं. पिछले 3 जून की बैठक में अमित शाह ने सभी एजेंसी और सुरक्षा बलों को जम्मू कश्मीर की शांति भंग करने वाले आतंकवादियों को ढूंढ-ढूंढ कर मारने के निर्देश दिए थे. शाह की बैठक के बाद जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के विरुद्ध बड़ी मुहिम चलाई गई है. सुरक्षाबलों ने जॉइंट ऑपरेशन कर पिछले 24 घंटे में 4 आतंकवादियों को मार गिराया है. इन आतंकवादियों से AK-56, ग्रेनेड और भारी मात्रा में गोला बारूद भी बरामद हुआ है. मारे गए 4 आतंकवादियों में से 3 पाकिस्तान के थे.

मेले को लेकर सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त

इससे पहले जम्मू के संभागीय आयुक्त रमेश कुमार ने भक्तों को गांदरबल में माता खीर भवानी मंदिर ले जाने वाली एक बस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. उन्होंने बताया कि आज करीब 250 श्रद्धालु यात्रा कर रहे हैं. पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है. कश्मीर संभाग में भी उचित सुरक्षा प्रदान की गई है. ये यात्री बुधवार को ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की अष्टमी के अवसर पर खीर भवानी मेले में पहुंचेंगे और मां के दर्शन-पूजन करेंगे. वहीं, कश्मीर में टारगेट किलिंग को देखते हुए जम्मू-श्रीनगर हाइवे और तीर्थस्थल के आसपास सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. 

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मां हमें धर्म के मार्ग पर ले जाएं: उप राज्यपाल

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ज्येष्ठ अष्टमी की पूर्व संध्या पर लोगों को बधाई दी. उन्होंने मेला खीर भवानी को लेकर एक संदेश में कहा- ये अवसर नेक जीवन, प्रेम, करुणा और सद्भाव का उत्सव है. ये दिन विशेष रूप से कश्मीरी पंडित समुदाय के लोगों के लिए अत्यधिक धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है. उन्होंने कहा- आइए, हम माता खीर भवानी से प्रार्थना करें कि वह हमें धर्म के मार्ग पर ले जाएं और हमें शांति, सुख और समृद्धि प्रदान करें.

माता हमारा ख्याल रखेंगी: श्रद्धालु

इससे पहले खीर भवानी मंदिर जाने वाले जम्मू के एक भक्त से आजतक ने बातचीत की. सुरक्षा के मसले पर भक्त का कहना था कि डरने की जरूरत नहीं है. जब हम माता भवन जा रहे हैं, तो क्यों डरें. वह हमारा ख्याल रखेंगी. इन टारगेट किलिंग ने कई लोगों को डरा दिया है, लेकिन मुझे पता है कि माता हमारी सुरक्षित वापसी करेंगी.

कब से शुरू हुई टारगेट किलिंग?

8 जून 2021 से शुरू हुई थी टारगेट किलिंग कश्मीर में पिछले साल 8 जून को सरपंच अजय पंडित की हत्या से टारगेट किलिंग का सिलसिला शुरू हुआ था. इसके बाद 5 अक्टूबर को श्रीनगर के केमिस्ट एमएल बिंद्रू की हत्या कर दहशत फैला दी गई. दो दिन के बाद ही यानी 7 अक्टूबर को आतंकियों ने एक स्कूल की प्रिंसिपल सतिंदर कौर और टीचर दीपक चंद की हत्या कर दी. मई में टारगेट किलिंग की 8 घटनाएं सामने आईं. रजनी बाला की हत्या से पहले 12 मई को आतंकियों ने बड़गाम में दफ्तर में घुसकर राजस्व अधिकारी राहुल भट्ट की हत्या कर दी थी. जाहिर है इससे सरकारी कर्मचारी डरे-सहमे हुए हैं.

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