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एलएसी पर हालात तनावपूर्ण, सेना ने पैंगोंग के समीप ऊंची चोटियों पर बढ़ाई तैनाती

लद्दाख में लाइन आफ एक्चुअल कंट्रोल पर भारतीय सेना ने कई अहम चोटियों पर अपनी तैनाती बढ़ा दी है. इन दुर्गम पहाड़ों पर पहुंचने का रास्ता काफी कठिन है.

पैंगोंग इलाके में सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी गई है पैंगोंग इलाके में सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी गई है
अशरफ वानी
  • लद्दाख,
  • 08 सितंबर 2020,
  • अपडेटेड 11:22 AM IST
  • पहुंचाए जा रहे सैन्य साजो सामान
  • स्थानीय नागरिक कर रहे मदद
  • चीनी सेना ने की थी गोलीबारी 

लद्दाख में भारत और चीन की सेनाएं आमने-सामने हैं. लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चल रही तनातनी के बीच सीमावर्ती गांवों के लोग भी सेना के साथ खुलकर खड़े हैं. पैंगोंग झील के पास ऊंची पहाड़ियों पर सेना ने तैनाती बढ़ाई है. आम लोगों ने बगैर किसी मेहनताने के सेना की मदद की. लोगों ने दुर्गम इलाके में सैन्य साजो-सामान पहुंचाने में मदद की.

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लद्दाख में लाइन आफ एक्चुअल कंट्रोल पर भारतीय सेना ने कई अहम चोटियों पर अपनी तैनाती बढ़ा दी है. इन दुर्गम पहाड़ों पर पहुंचने का रास्ता काफी कठिन है. यहां तक पहुंचने के लिए पैदल ही सफर करना होता है. ऐसे में सैन्य साजो सामान पहुंचाना भी कम चुनौतीपूर्ण नहीं. ऐसे में सरहद के करीब स्थित गांवों के लोग आगे आए. ग्रामीण सैन्य साजो सामान दुर्गम चोटियों तक पहुंचाने में सेना की मदद कर रहे हैं.

भारत और चीन के बीच साल 1962 के युद्ध के गवाह रहे चुशूल घाटी इलाके में भी सैनिकों की तैनाती बढ़ा दी गई है. यह वही इलाका है, जहां 1962 में भारतीय सेना के जांबाजों को हवाई रास्ते से पहुंचाया गया था. इसकी याद में यहां कुमाऊं रेजेंगला मेमोरियल भी बनवाया गया है.

गौरतलब है कि चीन के साथ तनाव इस समय चरम पर है. एक तरफ रूस में चीन के रक्षा मंत्री ने भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की. वहीं दूसरी तरफ चीनी सेना ने एलएसी पर भारतीय चौकियों को निशाना बनाकर फायरिंग की. भारतीय सेना ने भी चीनी फायरिंग का करारा जवाब देते हुए जवाबी फायरिंग की.

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गौरतलब है कि पिछले दिनों भारतीय सेना ने कुछ चोटियों से चीनी सेना को पीछे धकेलते हुए कब्जा कर लिया था. इसके बाद से ही चीन बौखलाया हुआ है. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को विदेश मंत्री जयशंकर को रूस का दौरा रद्द करने के लिए कहना चाहिए.वहीं, विदेश मंत्री जयशंकर ने भी साफ कर दिया है कि सीमा पर स्थिति बेहद गंभीर है.

बता दें कि लद्दाख में एलएसी पर मई महीने से ही गतिरोध चल रहा है. तनाव कम करने के लिए दोनों देशों के बीच कई राउंड सैन्य स्तर की वार्ता हुई. वार्ता के दौरान चीनी सेना ने पीछे हटने का आश्वासन भी दिया, लेकिन चीन की सेना ने पीछे हटने का वादा पूरा नहीं किया.

 

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