
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सोमवार को कठुआ जिले में हुए आतंकी हमले में शहीद हुए तीन पुलिसकर्मियों के परिवारों से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी. बता दें कि गुरुवार को कठुआ जिले के सन्याल क्षेत्र में हुए मुठभेड़ में दो पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया गया था, लेकिन इस दौरान चार पुलिसकर्मी शहीद जबकि तीन अन्य घायल हो गए थे.
उपराज्यपाल ने परिवारों को दी सांत्वना
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने सबसे पहले कठुआ जिले के कन्ना चक में शहीद बलविंदर सिंह चिब के घर जाकर उनके परिवार से मुलाकात की. उन्होंने उनकी पत्नी और अन्य परिजनों को गहरी संवेदना व्यक्त की.
इसके बाद, वो अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित लोंडी गांव में शहीद जसवंत सिंह के घर पहुंचे और उनके परिवार को ढांढस बंधाया. फिर, वे चंबा गांव में शहीद पुलिस अधिकारी तारिक अहमद के परिवार से मिले और सरकार की ओर से हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया.
उपराज्यपाल ने शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों को सरकारी नौकरी देने का वादा किया, खासतौर पर शहीदों की विधवाओं के लिए नौकरी की व्यवस्था करने की बात कही.
शहीदों की पत्नियों ने नागरिक विभागों में नौकरी की मांग की ताकि वो अपने बच्चों की परवरिश अच्छे से कर सकें. इस पर एलजी ने आश्वासन दिया कि उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा.
आतंकियों की घुसपैठ के बाद हुई थी मुठभेड़
सूत्रों के अनुसार, रविवार को पुलिस को सूचना मिली थी कि कुछ आतंकवादी सन्याल गांव के जंगलों में छिपे हैं. पुलिस ने धोक (स्थानीय रूप से इस्तेमाल किया जाने वाला आश्रय स्थल) में छिपे आतंकवादियों को ट्रैक किया और गुरुवार को मुठभेड़ शुरू हो गई.
इस मुठभेड़ में दो आतंकियों को मार गिराया गया, लेकिन चार पुलिसकर्मी बलविंदर सिंह चिब, जसवंत सिंह, तारिक अहमद और हेड कांस्टेबल जगबीर सिंह शहीद हो गए. शनिवार को जगबीर सिंह का शव घाटी-जुथाना जंगल में मिला. आतंकियों के पास से विस्फोटक सामग्री, हथियार और अन्य युद्ध से संबंधित सामान बरामद किया गया.
आतंकी संगठन ने ली जिम्मेदारी
पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) के संगठन पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है. एलजी ने कहा कि पूरा देश इन शहीदों के परिवारों के साथ खड़ा है और सरकार उनके कल्याण के लिए हर संभव सहायता देगी.