
जम्म्-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ने के बाद से इस्तीफों की झड़ी लग गई है. कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ छात्र संगठन NSUI से भी इस्तीफे आना शुरू हो गए हैं. NSUI के 36 नेताओं ने कई कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर इस्तीफा दे दिया है. इस्तीफा देने वालों में प्रेदेश उपाध्यक्ष अनिरुद्ध रैना और प्रदेश महासचिव माणिक शर्मा भी शामिल हैं.
जम्मू यूनिवर्सिटी के एनएसयूआई प्रेसिडेंट कानव शर्मा ने इस्तीफा भेजते हुए लिखा कि वे यूनिवर्सिटी प्रेसिडेंट के साथ-साथ कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे गुलाम नबी आजाद को अपना नेता मानते हैं.
उन्होंने आगे लिखा कि वे उनके साथी अनिरुद्ध रैना और माणिक शाहा की भावनाओं की कद्र करते हैं. चूकिं ये दोनों भी इस्तीफा दे चुके हैं. इसलिए कानव ने भी इस्तीफा दे दिया. उन्होंने कहा कि वे पिछले 3 साल से NSUI के साथ जुड़कर काम कर रहे थे. लेकिन अब उन्हें लगता है कि संगठन में पसंद के लोगों को ही जगह दी जाती है. अब तक मुझे संगठन से जो भी जिम्मेदारी मिली है, मैंने उस हर जिम्मेदारी को निभाया है.
इससे पहले 26 अगस्त को गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया था. पार्टी छोड़ने के बाद ही उन्होंने आलाकमान पर हमला बोला था.
इन्होंने छोड़ा संगठन
जिन 6 पूर्व विधायकों ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया था, उनमें जीएम सरूरी, हाजी अब्दुल राशिद, मोहम्मद अमीन भट, गुलजार अहमद वानी, चौधरी मोहम्मद अकरम और आरएम चिब का नाम शामिल है. ये सभी नेता कांग्रेस से विधायक रहे हैं. बता दें कि आरएस चिब (RS Chib) और जीएम सरूरी जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस सरकार के समय मंत्री भी रहे हैं.