
जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने आतंकी सलाहुद्दीन (Syed Salahuddin) के बेटों को सरकारी नौकरी से बर्खास्त किए जाने पर बयान दिया है. इससे जुड़े इंडिया टुडे के सवाल पर महबूबा मुफ्ती ने कहा कि पिता के कामों के लिए बेटों को कैसे सताया जा सकता है? इसके साथ-साथ मुफ्ती ने जम्मू कश्मीर को फिर से विशेष दर्जा देने की मांग दोहराई.
महबूबा मुफ्ती ने आर्टिकल 370 और 35A की बहाली की मांग को अयोध्या मामले से जोड़ते हुए कहा, 'जब राम मंदिर का मामला कोर्ट में था, तब क्या लोग उसके लिए आवाज नहीं उठाते थे? तो आर्टिकल 370 को बहाल करने की मांग के लिए मैं निशाने पर क्यों?' बता दें कि फिलहाल आर्टिकल 370 को बहाल करने से जुड़ी विभिन्न अर्जियों पर सुप्रीम कोर्ट को सुनवाई करनी है.
महबूबा बोलीं - बिना जांच हटाए गए सलाहुद्दीन के बेटे
हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकी सलाहुद्दीन के दो बेटों समेत 11 लोगों को सरकारी नौकरी से बर्खास्त किया गया है. ये लोग सरकारी नौकरी करते करते आतंकियों की मदद कर रहे थे. महबूबा ने कहा कि पिता के किए के लिए बेटों को नहीं सताया जाना चाहिए. उन्होंने दावा किया कि बिना जांच के उन लोगों को हटाया गया. बता दें कि महबूबा ने 11 जुलाई को भी उनके सपोर्ट में ट्वीट किया था.
महबूबा ने आगे कहा कि आर्टिकल 370 और 35A की बहाली के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी के साथ-साथ अन्य पार्टियों ने भी हाथ मिलाया है. महबूबा मुफ्ती ने कश्मीरी पंडितों पर भी बात की. वह बोलीं, 'मुझे इस बात का दुख है कि हम कश्मीरी पंडितों का यहां से पलायन नहीं रोक पाए. हम चाहते हैं कि उनकी घाटी में सम्मानजनक वापसी हो.'
पाकिस्तान से बातचीत की वकालत करने को लेकर महबूबा को निशाने पर लिया जाता है. इसपर भी उन्होंने आपत्ति जताई. वह बोलीं कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी भी कहते थे हम लोग दोस्त बदल सकते हैं. पड़ोसी नहीं. मैं ऐसा कहती हूं तो मुझपर हमले होते हैं.