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BJP के ठोस आश्वासन के बगैर सरकार का गठन नहीं: महबूबा मुफ्ती

पीडीपी नेताओं की बैठक की अध्यक्षता करते हुए महबूबा ने कहा कि उन्हें अपनी गठबंधन साझेदार बीजेपी से ठोस आश्वासन चाहिए कि दिवंगत मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की राज्य में समान विकास और शांति की विचारधारा पर अमल किया जाएगा.

पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती
स्‍वपनल सोनल/अशरफ वानी
  • श्रीनगर,
  • 31 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 12:09 AM IST

जम्मू-कश्मीर में सरकार निर्माण को लेकर सियासी धुंध रविवार को पीडीपी की बैठक के बाद भी छंटती नजर नहीं आ रही है. पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने अपनी पार्टी की अहम बैठक में कहा है कि वह राज्य में सरकार बनाने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन जब तक उन्हें सहयोगी दल बीजेपी से यह आश्वासन नहीं मिल जाता कि उनके स्वर्गीय पिता की विचारधारा का अनुसरण किया जाएगा, तब तक यह संभव नहीं है.

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पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पीडीपी नेताओं की बैठक की अध्यक्षता करते हुए महबूबा ने कहा कि उन्हें अपनी गठबंधन साझेदार बीजेपी से ठोस आश्वासन चाहिए कि दिवंगत मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की राज्य में समान विकास और शांति की विचारधारा पर अमल किया जाएगा.

बैठक के बाद पार्टी नेता नईम अख्तर ने कहा, 'महबूबा मुफ्ती गठबंधन के एजेंडे के आधार पर ही कोई फैसला करेंगी.' उन्होंने बताया कि रविवार की बैठक पार्टी के सदस्यता अभियान और जनता तक पहुंचने जैसे पार्टी के मसलों पर चर्चा के लिए बुलाई गई थी. हालांकि, कुछ नेता और विधायक सरकार गठन के मुद्दे पर महबूबा की राय भी जानना चाहते थे.

पाकिस्तान के मसले पर आश्वासन चाहती हैं महबूबा
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पीडीपी सरकार निर्माण से पहले जिन मुद्दों पर बीजेपी और केंद्र की मोदी सरकार से आश्वासन चाहती है उनमें पाकिस्तान से बातचीत भी शामिल है. इसके अलावा राज्य के लिए विशेष रोजगार पैकेज और केंद्रीय विद्युत परियोजनाओं का राज्य के लिए स्थानांतरण भी प्रमुख है. यानी रविवार की बैठक के साथ ही पीडीपी ने गेंद अब बीजेपी के पाले में फेंक दिया है.

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नहीं लेना चाहतीं बेवजह की परेशानी
पीडीपी के एक नेता ने बताया, ' महबूबा ने बताया कि वह सरकार गठन के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन वह बेवजह परेशानी मोल लेना नहीं चाहतीं. उन्होंने मुफ्ती साहब के बीजेपी के साथ गठबंधन के बड़े फैसले के बारे में बात की. उन्होंने कहा कि उनके 10 महीने के कार्यकाल में उनके सपने पर विचार नहीं किया गया.' महबूबा ने यह भी कहा कि वह राज्य में सत्ता के बारे में केवल यह सोचकर निर्णय नहीं ले सकतीं कि इससे वह मुख्यमंत्री बन जाएंगी.

राज्य में लागू है गवर्नर रूल
गौरतलब है कि सात जनवरी को जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद से राज्य में गवर्नर रूल लागू है और महबूबा मुफ्ती ने सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए कदम आगे नहीं बढ़ाया है. विपक्षी दल नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने पीडीपी से सरकार बनाने या दोबारा चुनाव करवाने की मांग की है.

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