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J-K: 370 हटने के बाद से नजरबंद, कल से फिर अपना साप्ताहिक भाषण शुरू करेंगे हुर्रियत नेता मीरवाइज?

हुर्रियत नेता मीरवाइज उमर फारूक एक बार फिर श्रीनगर की जामिया मस्जिद से अपना साप्ताहिक भाषण शुरू कर सकते हैं. 370 हटने के बाद से वे अपने ही घर में नजरबंद थे, लेकिन अब प्रशासन ने उन्हें बाहर निकलने की मंजूरी दे दी है. ये मंजूरी तब मिली है जब मीरवाइज के समर्थक दावा कर रहे थे कि उन्हें घर में कैद कर रखा है.

मीरवाइज उमर फारूक मीरवाइज उमर फारूक
सुनील जी भट्ट
  • जम्मू,
  • 25 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 9:41 PM IST

जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारूक एक बार फिर श्रीनगर की ऐतिहासिक जामिया मस्जिद से अपना भाषण दे सकते हैं. पिछले तीन साल से वे अपने ही घर में नजरबंद हैं. जब से 370 हटाया गया था, सुरक्षा को देखते हुए मीरवाइज को नजरबंद कर दिया गया. बाद में सरकार ने दावा जरूर किया कि उन पर लगी पाबंदियां हटा दी गई हैं, लेकिन अलगाववादी नेता के समर्थक कहते रहे कि अभी भी मीरवाइज को कही जाने नहीं दिया जाता.

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अब खबर आई है कि तीन साल बाद मीरवाइज जामिया मस्जिद जा सकते हैं. वे नमाज भी अदा करेंगे और वहां आए लोगों को संबोधित भी करेंगे. जारी बयान में मस्जिद ने इस बारे में कहा है कि तीन साल बाद कल प्रशासन ने मीरवाइज उमर फारूक को जामिया आने की इजाजत दे दी हैं. वे वहां नमाज अदा करेंगें और लोगों से भी बात कर सकते हैं. अब ये परमीशन मिलना इसलिए मायने रखता हैं क्योंकि एक विदेशी चैनल को उप राज्यपाल मनोज सिन्हा कह चुके थे कि मीरवाइज पर किसी भी तरह की कोई पाबंदी नहीं लगी है. अब कहा जा रहा है कि वे सही मायनों में तीन साल बाद जामिया मस्जिद में वापसी कर सकते हैं.

उमर फारूक कई सालों से लगातार इसी मस्जिद से अपना साप्ताहिक भाषण देते आ रहे हैं. लेकिन 370 हटने के बाद जमीन पर स्थिति काफी बदली है. अगलाववादी नेताओं पर प्रशासन का कड़ा पहरा है और किसी को भी माहौल खराब करने का मौका नहीं दिया जा रहा. लेकिन अब धीरे-धीरे पाबंदियां कम की जा रही हैं, इसी कड़ी में मीरवाइज को भी कल जामिया मस्जिद आने की इजाजत दे दी गई है.

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वैसे जम्मू-कश्मीर को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने एक अहम बैठक की है. बताया जा रहा है कि  पिछले तीन साल के दौरान UAPA के तहत दर्ज किए गए मामलों की समीक्षा होगी. इस कानून के तहत उन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाता है जो देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाते हैं. समीक्षा करने के बाद इन मामलों की जांच को तेज गति से पूरा कर अंजाम तक पहुंचाने के निर्देश दिए गए हैं. 

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