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डोभाल-डेमोक्रेसी और डेवलेपमेंट...'मिशन कश्मीर' के लिए मोदी का '3-D' फॉर्मूला

मोदी ने कश्मीर के लोगों को संदेश देने के लिए राष्ट्र को संबोधित किया और अपना विज़न कश्मीरी लोगों और दुनिया के सामने रखा. पीएम मोदी के इस विजन में थ्री-डी (3D) फॉर्मूला है, जिसका असर अगले कुछ दिनों में कश्मीर में देखने को मिल सकता है.

Prime Minister Narendra Modi (File Photo) Prime Minister Narendra Modi (File Photo)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 09 अगस्त 2019,
  • अपडेटेड 5:28 PM IST

केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा है. जम्मू-कश्मीर अब एक केंद्र शासित प्रदेश है और पिछले सत्तर साल से जिस अनुच्छेद 370 के तहत घाटी को विशेषाधिकार मिले थे, उसे भी बेअसर कर दिया गया है. इन सभी फैसलों के बीच घाटी में अब भी सुरक्षाबल तैनात हैं, लोगों के मन में कई सवाल हैं. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कश्मीर के लोगों को संदेश देने के लिए राष्ट्र को संबोधित किया और अपना विज़न कश्मीरी लोगों और दुनिया के सामने रखा. पीएम मोदी के इस विजन में थ्री-डी (3D) फॉर्मूला है, जिसका असर अगले कुछ दिनों में कश्मीर में देखने को मिल सकता है.

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आर्टिकल 370 के खत्म होने के बाद पीएम का ये पहला संवाद था, जिसमें उन्होंने इस फैसले के बारे में देश को विस्तृत जानकारी दी और अपने प्लान को आगे रखा. इस दौरान प्रधानमंत्री ने टू-डी फॉर्मूले की बात की, जिसमें डेवलेपमेंट और डेमोक्रेसी शामिल है. लेकिन एक और डी यानी अजित डोभाल इस वक्त कश्मीर में हैं, जो मोदी के मिशन कश्मीर का अहम हिस्सा हैं.

पहला डी- डेमोक्रेसी

लगभग चालीस मिनट के भाषण में प्रधानमंत्री का फोकस लोकतंत्र पर रहा. दरअसल, घाटी को अभी केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है, ऐसे में कई राजनीतिक दलों ने इस पर सवाल खड़े किए हैं. लेकिन पीएम मोदी ने कश्मीरियों को भरोसा दिया है कि वह अपना प्रतिनिधि खुद ही चुनेंगे. केंद्र शासित प्रदेश होने के बावजूद जम्मू-कश्मीर का अपना मुख्यमंत्री होगा, मंत्री होंगे और विधायक भी होंगे.

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मोदी की ओर से ये भी वादा किया गया है कि सही समय आने पर जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य बनाया जाएगा. इसी के साथ प्रधानमंत्री ने घाटी के युवाओं को नेतृत्व करने के लिए कहा और अपील की कि कई दशकों से यहां परिवारवाद रहा है, ऐसे में वे खुद आकर प्रदेश का नेतृत्व करें.

पढ़ें: जिस रणनीति से बाकी राज्यों में जीते, वही रणनीति जम्मू-कश्मीर में अपना रहे हैं मोदी

दूसरा डी- डेवलेपमेंट

प्रधानमंत्री का अगला फोकस घाटी के विकास पर रहा. उन्होंने कई बार नई नीतियों का जिक्र किया और कहा कि आर्टिकल 370 की वजह से जम्मू-कश्मीर में कई केंद्रीय योजना लागू नहीं हो पाती थीं. इसके अलावा घाटी में भ्रष्टाचार चरम पर था. लेकिन अब क्योंकि केंद्र सरकार का शासन वहां रहेगा, इसकी वजह से घाटी के विकास को नई ऊंचाई मिलेगी.

पीएम मोदी ने इस दौरान बॉलीवुड, उद्योगजगत के लोगों से जम्मू-कश्मीर में निवेश करने की अपील भी की. साथ ही साथ उन्होंने राज्य कर्मचारियों को केंद्र शासित कर्मचारी वाली सभी सुविधाएं, स्पोर्ट्स की दुनिया में नए आयाम, स्कॉलरशिप और अन्य योजनाओं का लाभ जल्द से जल्द पहुंचाने का वादा किया.

तीसरा डी: डोभाल

जम्मू-कश्मीर में इस वक्त जो सबसे अहम है वो है वहां का माहौल. घाटी में इस फैसले के बाद किसी तरह का विरोध ना हो, कोई दिक्कत ना आए और आतंकी अपने मंसूबे में कामयाब ना हों इसके लिए केंद्र सरकार सुरक्षा पर खासा ध्यान दे रही है. खुद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल भी पिछले तीन दिनों से कश्मीर में हैं.

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अजित डोभाल वहां पर अधिकारियों से मुलाकात कर रहे हैं और इस बदलाव के समय में पूरी व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं. साथ ही साथ वह आम लोगों के साथ भी बात कर रहे हैं, ताकि घाटी में रह रहे लोगों के बीच केंद्र सरकार के इस फैसले के प्रति भरोसा जगाया जा सके. उन्होंने शोपियां में आम लोगों के साथ खाना खाया, श्रीनगर के मशहूर डाउनटाउन इलाके में भी लोगों से बात की.

NSA डोभाल, मोदी सरकार में कैबिनेट रैंक की हैसियत रखते हैं. सुरक्षा के मसलों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अजित डोभाल पर भरोसा करते हैं, ऐसे में उनकी मौजूदगी वहां पर मायने रखती है.  

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