Advertisement

'सत्ता में आए तो  AFSPA हटाने की कोशिश करेंगे...', जम्मू-कश्मीर चुनाव को लेकर उमर अब्दुल्ला का बयान

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि अगर वह सत्ता में आते हैं तो वह जम्मू-कश्मीर से AFSPA को हटाने और 'कश्मीरी युवाओं के साथ हो रहे अन्यायपूर्ण उत्पीड़न' को समाप्त करने को प्राथमिकता देगी.

उमर अब्दुल्ला-फाइल फोटो उमर अब्दुल्ला-फाइल फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 11:42 PM IST

नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि अगर वह सत्ता में आते हैं तो वह जम्मू-कश्मीर से AFSPA को हटाने और 'कश्मीरी युवाओं के साथ हो रहे अन्यायपूर्ण उत्पीड़न' को समाप्त करने को प्राथमिकता देगी. अब्दुल्ला ने 2012 में तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य के मुख्यमंत्री रहते हुए विवादास्पद सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) को हटाने की वकालत की थी. उन्होंने यह भी घोषणा की थी कि उनके कार्यकाल के दौरान AFSPA को हटा दिया जाएगा, लेकिन इस प्रस्ताव का सेना ने कड़ा विरोध किया.

Advertisement

अब्दुल्ला ने पार्टी में प्रमुख राजनीतिक कार्यकर्ताओं का स्वागत करते हुए कहा, 'पार्टी (नेशनल कॉन्फ्रेंस) अपने घोषणापत्र में उल्लिखित वादों को पूरा करने के लिए अपनी अटूट प्रतिबद्धता को दोहराती है. सत्ता में आने के बाद, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेतृत्व वाली सरकार AFSPA को हटाने को प्राथमिकता देगी, जिससे हमारे युवाओं के साथ हो रहे अन्यायपूर्ण उत्पीड़न को समाप्त किया जा सकेगा.'

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने कहा कि बिना वित्त पर बोझ डाले उनकी पार्टी पासपोर्ट सत्यापन प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने, बेरोजगारों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने और यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि हर घर को आवश्यक संसाधनों, बढ़े हुए राशन और विश्वसनीय उपयोगिता सेवाओं तक पहुंच मिले. पार्टी के घोषणापत्र के महत्व पर प्रकाश डालते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि यह वास्तव में जम्मू और कश्मीर के लोगों की आकांक्षाओं को दर्शाता है. 

Advertisement

'भाजपा के खिलाफ डर की रणनीति के जरिए चुनाव जीतने में दिलचस्पी नहीं'
उन्होंने कहा, 'यही कारण है कि भाजपा ने इसे खारिज कर दिया है,' और चेतावनी दी कि 'नेशनल कॉन्फ्रेंस और उसके सहयोगियों के अलावा अन्य दलों के पक्ष में डाला गया हर वोट भाजपा को मजबूत करने का काम करेगा, चाहे कोई भी पार्टी चुनी जाए.' गंदेरबल सीट से विधानसभा चुनाव लड़ रहे अब्दुल्ला ने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस भाजपा के खिलाफ डर की रणनीति के जरिए चुनाव जीतने में दिलचस्पी नहीं रखती है. 

अब्दुल्ला ने कहा, 'इसके बजाय, पार्टी ने एक व्यापक घोषणापत्र तैयार किया है जो कारीगरों, बेरोजगार युवाओं, कृषिविदों, ट्रांसपोर्टरों, होटल व्यवसायियों, व्यापारियों और अन्य की चिंताओं को संबोधित करता है. घोषणापत्र न केवल मुद्दों की पहचान करता है बल्कि उन्हें प्रभावी ढंग से निपटने के लिए एक स्पष्ट रोडमैप भी देता है.' 

90 सदस्यीय जम्मू-कश्मीर विधानसभा के लिए चुनाव तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को होंगे और नतीजे 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे. नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस ने सीट शेयरिंग फॉर्मूले को अंतिम रूप दे दिया है, जिसके तहत दोनों पार्टियां क्रमशः 51 और 32 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement