
देश में अगले हफ्ते से कोरोना का टीकाकारण कार्यक्रम शुरू हो सकता है. इससे पहले आज (शुक्रवार) देश के 736 जिलों में ड्राई रन चल रहा है. वहीं जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर लोगों को कोरोना वैक्सीन देने में देरी करने का आरोप लगाया है.
उन्होंने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है, 'हम अभी भी मॉक ड्रिल क्यों कर रहे हैं. वैक्सीन को आपातकालीन मंजूरी दिए हुए चार दिन से अधिक का समय बीत चुका है. अन्य कई देशों में वैक्सीन को मंजूरी मिलने के कुछ घंटे बाद ही वैक्सीनेशन कार्यक्रम शुरू कर दिया गया था. ऐसे में अब देरी करने का क्या मतलब है.'
उमर अब्दुल्ला ने इससे पहले कोरोना वैक्सीन को मंजूरी दिए जाने पर खुशी जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि जितने लोग वैक्सीनेशन करवाएंगे, देश और अर्थव्यवस्था के लिए उतना अच्छा है. वैक्सीन किसी राजनीतिक पार्टी की नहीं है. ये मानवता के लिए है और जितनी जल्दी ये अतिसंवेदनशील लोगों तक पहुंचेगी, उतना बेहतर है.
उन्होंने आगे कहा कि जब मेरी बारी आएगी तो मैं अपनी बांह उठाकर खुशी-खुशी कोरोना वैक्सीन लगवा लूंगा. इस वायरस ने अब तक काफी तबाही मचाई है. ऐसे में अगर किसी वैक्सीन से हालात सामान्य होते हैं तो मेरी तरफ से हां है.
अगले हफ्ते से शुरू हो सकता है टीकाकरण
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मंगलवार को बताया गया था कि कोरोना वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद टीकाकरण का कार्यक्रम 10 दिन बाद शुरू हो सकता है. कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल को लेकर DCGI ने 3 जनवरी (रविवार) को अपनी मंजूरी दी थी. इस लिहाज से 13 या 14 जनवरी से देश में कोरोना वैक्सीनेशन का कार्यक्रम शुरू हो सकता है.
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बता दें कि भारत में कोरोना की दो वैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है. सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की इजाजत मिली है. कोरोना के टीके को मंजूरी मिलने के बाद देश अब टीकाकरण कार्यक्रम का इंतजार कर रहा है.
ड्राई रन में क्या होता है?
देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना वैक्सीन को लेकर ड्राई रन किया जा रहा है. सभी जिलों में शुक्रवार को कोविड-19 वैक्सीनेशन के लिए दूसरा ड्राई रन किया जा रहा है. स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देशों के अनुसार, ड्राई रन में अस्पताल तक जाने, लोगों को बुलाने, फिर डोज देने की पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाता है.
मुख्य रूप से इसमें वैक्सीन के स्टोरेज, वितरण और टीकाकरण की तैयारियों को परखा जाता है. जो कि शहर के बड़े सरकारी अस्पतालों या अन्य जगहों पर की जा रही हैं. वैक्सीनेशन की शुरुआत की प्रक्रिया में लगभग 15 मिनट लगेंगे. वैक्सीनेशन के बाद हर बेनिफिशियरी को आधा घंटे तक मेडिकल एक्सपर्ट की निगरानी में रखा जाएगा. यदि किसी व्यक्ति में कोई रिएक्शन जैसी स्थिति बनती है तो आगे का इलाज की प्रक्रिया कैसे की जाएगी यह भी ट्रायल में किया जाएगा.