
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि 5 अगस्त के बाद सब कुछ बदल गया. उन्होंने केंद्र पर भड़कते हुए कहा कि हमसे चाहते क्या हैं? क्या यही कि हम मुख्य धारा की राजनीति से किनारा कर लें. उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि राजनीतिक दलों को शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन भी नहीं करने दिया जा रहा है. पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीपी) ने जम्मू में शांतिपूर्ण विरोध-प्रदर्शन किया, लेकिन कश्मीर में हिरासत में ले लिया गया.
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यदि हम अब भी वैसे ही हैं तो घाटी के राजनीतिक हालात पर भरोसा नहीं करते. हम चुनाव को लेकर बात करते थे और अब अपनी पहचान बचाने का प्रयास कर रहे हैं. हमें एकजुट होकर अधिकारों के लिए लड़ने को मजबूर किया गया. उन्होंने कहा कि हम सीटों की गिनती नहीं कर रहे, यह लड़ाई सत्ता या मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए नहीं है. यह शर्मनाक होगा यदि हम सत्ता के लिए जाते हैं तो जनता हमें माफ नहीं करेगी.
जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि काश राजनीतिक दल पहले ही एकजुट हो गए होते. जमीन खरीदने से संबंधित नए कानून की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि कई ऐसे राज्य हैं, जहां देश के अन्य इलाकों के लोग जमीन नहीं खरीद सकते. यदि हम इस कानून के खिलाफ बात कर रहे हैं, हमें एंटी नेशनल कहा जा रहा है. ये विशेष कानून और दर्जा महाराजा के समय ही मिला था. ये दिल्ली वाले लोग जब नागालैंड से बात कर रहे थे, उन्होंने देश के कानून और झंडे को मानने से इनकार दिया. इसे मान भी लिया गया.
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि निश्चित दल को जम्मू में विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दी गई थी और सेम पार्टी ने श्रीनगर में विरोध प्रदर्शन किया और कार्यकर्ताओं को जेल में डाल दिया गया. वे क्या चाहते हैं? हम किस तरह लड़ाई लड़ें. दिल्ली को लगता है कि हमें कुछ भी नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम जनता का सामना कैसे करेंगे? उमर अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र ने ऐसा वातावरण तैयार कर दिया है, जिसमें हमारे पास कोई विकल्प नहीं है, सिवाय राज्य को बचाने के लिए एकजुट होने के.