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'कारगिल में मौका था, अब PoK वापस लेने से सरकार को कौन रोक रहा है?' जयशंकर के बयान पर बोले उमर अब्दुल्ला

उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'कारगिल युद्ध के दौरान हमारे पास पीओजेके वापस लेने का मौका था, लेकिन हम ऐसा करने में विफल रहे. सरकार अब पीओजेके वापस क्यों नहीं लेती? भाजपा सरकार चीन द्वारा कब्ज़ा किए गए जम्मू-कश्मीर को वापस लेने की बात क्यों नहीं करती?'

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला
सुनील जी भट्ट
  • श्रीनगर,
  • 06 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 5:39 PM IST

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (PoJK) पर दिए गए बयान पर प्रतिक्रिया दी है. दरअसल एस जयशंकर ने एक पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि पाकिस्तान अवैध रूप से कश्मीर के जिस हिस्से पर कब्जा जमाकर बैठा है, वह हिस्सा वापस आ जाए तो कश्मीर की समस्या पूरी तरह से सुलझ जाएगी. 

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इस पर उमर अब्दुल्ला ने ने कहा कि भारत सरकार को पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) वापस लेने से कौन रोक रहा है? उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'महाराजा बहादुर ने विरासत में जम्मू-कश्मीर का एक नक्शा आपको दिया.चलिए एक हिस्सा उसका पाकिस्तान के पास गया, उस पर भी आज विदेश मंत्री ने कहा कि हम वापस ले आएंगे.किसने रोका है?'

कारगिल में हमारे पास था मौका- उमर

उमर अब्दुल्ला यहीं नहीं रूके, उन्होंने आगे कहा, 'कारगिल युद्ध के दौरान हमारे पास पीओजेके वापस लेने का मौका था, लेकिन हम ऐसा करने में विफल रहे. सरकार अब पीओजेके वापस क्यों नहीं लेती? भाजपा सरकार चीन द्वारा कब्ज़ा किए गए जम्मू-कश्मीर को वापस लेने की बात क्यों नहीं करती?'

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BJP को निशाने पर लेते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'भाजपा सदस्यों ने 13 जुलाई, 1931 के शहीदों का अपमान किया. लोकतंत्र के लिए 22 लोग मारे गए. जम्मू-कश्मीर विधानसभा की स्थापना 13 जुलाई 1931 के शहीदों के बलिदान के कारण हुई थी. भाजपा ने उनका अपमान सिर्फ इसलिए किया क्योंकि वे मुसलमान थे.'

जयशंकर ने दिया था यह बयान
विदेश मंत्री इस समय ब्रिटेन दौरे पर हैं. लंदन में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पाकिस्तान के एक पत्रकार ने जयशंकर से सवाल पूछते हुए कहा कि मैं लेखक और पत्रकार हूं और मैं आपको थोड़ा सा नर्वस करना चाहता हूं. भारत ने कश्मीर पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है जिस वजह से वे प्रोटेस्ट कर रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप दुनिया में शांति लाने की बात करते हैं तो क्या नरेंद्र मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ अपनी दोस्ती का इस्तेमाल कर कश्मीर मुद्दे को सुलझा सकते हैं?

इस पर जयशंकर ने कहा कि हमने कश्मीर समस्या काफी हद तक सुलझा ली है. इस दिशा में जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाना पहला कदम था. इसके बाद कश्मीर में विकास और आर्थिक गतिविधि बढ़ाने के साथ-साथ सामाजिक न्याय को बहाल करना दूसरा कदम था. अच्छे मतदान प्रतिशत के साथ वोटिंग कराना तीसरा कदम था. पाकिस्तान द्वारा कश्मीर के चुराए गए हिस्से की वापसी चौथा कदम होगा. पाकिस्तान अवैध रूप से कश्मीर के जिस हिस्से पर कब्जा जमाकर बैठा है, वह हिस्सा वापस आ जाए तो कश्मीर की समस्या पूरी तरह से सुलझ जाएगी.

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