
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नमाज को लेकर दिए गए बयान पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. अब्दुल्ला ने कहा कि जम्मू-कश्मीर ने इस भारत में विलय नहीं किया था, जहां किसी धर्म विशेष को चुनकर निशाना ना बनाया जाए.
जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा, "यह प्रतिबंध हर धर्म पर लगता तो अच्छा होता, लेकिन किसी धर्म विशेष को सोच-विचारकर चुनने की नीति से पता चलता है कि एक विशेष धर्म निशाने पर है. जम्मू-कश्मीर ने इस भारत में विलय नहीं किया था."
क्या कहा था खट्टर ने
गुरुग्राम में खुले स्थानों पर जुमे की नमाज अदा किए जाने को लेकर कई हिंदू संगठनों ने आपत्ति जताई थी. इस पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शुक्रवार को कहा कि खुले में नमाज अदा करना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. सभी को सुविधा मिलनी चाहिए (प्रार्थना करने के लिए), लेकिन किसी को भी दूसरों के अधिकारों का उल्लंघन नहीं करना चाहिए. इसकी अनुमति नहीं दी जाएगी.
प्रशासन का फैसला वापस
उन्होंने यह भी कहा कि कुछ स्थानों को नमाज के लिए आरक्षित करने के जिला प्रशासन के पूर्व के फैसले को वापस ले लिया गया है और राज्य सरकार अब इस मुद्दे का सौहार्दपूर्ण समाधान निकालेगी. तीन साल पहले, जिला प्रशासन ने गुड़गांव (अब गुरुग्राम) शहर में मुसलमानों के लिए शुक्रवार की नमाज अदा करने के लिए 37 स्थलों तय किए थे, जिसके बाद कुछ हिंदू संगठनों ने विरोध-प्रदर्शन किया था.
हम टकराव भी नहीं होने देंगे
हरियाणा के सीएम ने कहा, धार्मिक स्थल इसी मकसद से बनाए जाते हैं कि लोग वहां जाएं और पूजा-अर्चना करें. इस तरह के कार्यक्रम खुले में नहीं होने चाहिए. उन्होंने कहा, खुली जगहों पर नमाज पढ़कर टकराव से बचना चाहिए. हम टकराव भी नहीं होने देंगे.
शहर में विरोध प्रदर्शन
दरअसल, पिछले महीनों में कुछ हिंदू संगठनों ने उन खुली जगहों पर धरना-प्रदर्शन किया है जहां मुस्लिम समुदाय जुमे की नमाज अदा करता है. इसके बाद पिछले कई हफ्तों से शुक्रवार को शहर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.