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'कठुआ-सोपोर में हुई मौतों का मुद्दा उठाना चाहिए था', उमर अब्दुल्ला और अमित शाह की मीटिंग पर बोलीं महबूबा मुफ्ती

मुफ्ती ने कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रयास करना अच्छा है, लेकिन जीवन के अधिकार को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा, "राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा. आज नहीं तो कल या बाद में. हालांकि, राज्य का दर्जा तब मायने रखेगा जब लोगों के पास जीवन का अधिकार होगा. इसलिए, मुझे लगता है कि उमर साहब को गृह मंत्री के समक्ष यह मुद्दा उठाना चाहिए था."

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (फाइल फोटो) पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • श्रीनगर,
  • 11 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 4:52 PM IST

पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ अपनी बैठक के दौरान सोपोर और कठुआ में दो युवकों की मौत का मुद्दा उठाना चाहिए था. उन्होंने कहा कि हाल ही में दो मौतें हुईं. एक ट्रक चालक वसीम की सेना की नजदीक से की गई गोलीबारी में मौत हो गई. दूसरा 25 वर्षीय माखन दीन था, जिसे पुलिस ने इतना प्रताड़ित किया कि उसने आत्महत्या कर ली.

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पीटीआई के मुताबिक मुफ्ती ने यहां संवाददाताओं से कहा, "ऐसी स्थिति में, हमें उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री अपनी हालिया बैठक के दौरान गृह मंत्री के साथ इस मुद्दे को उठाएंगे."

पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्र शासित प्रदेश में पुलिस की बर्बरता को भी उजागर किया और मांग की कि उन पर अभियोग चलाया जाए.

उन्होंने कहा, "उन्हें यह मुद्दा गृह मंत्री के सामने उठाना चाहिए था और उन्हें बताना चाहिए था कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़नी होगी लेकिन अगर किसी निर्दोष को सेना के जवान द्वारा नुकसान पहुंचाया जाता है, तो उस जवान की पहचान की जानी चाहिए और उसे दंडित किया जाना चाहिए. हम यह नहीं कह रहे हैं कि पूरी सेना खराब है. बिलावर में एसएचओ के खिलाफ शिकायतें हैं कि वह युवाओं को गिरफ्तार कर रहे हैं और उनसे पैसे वसूल रहे हैं. जो पैसे नहीं देते, उन्हें वह उग्रवाद के मामलों में बंद कर देते हैं. आपने माखन दीन का वीडियो देखा होगा. यह भयानक था."

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मुफ्ती ने कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करने का प्रयास करना अच्छा है, लेकिन जीवन के अधिकार को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा, "राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा. आज नहीं तो कल या बाद में. हालांकि, राज्य का दर्जा तब मायने रखेगा जब लोगों के पास जीवन का अधिकार होगा. इसलिए, मुझे लगता है कि उमर साहब को गृह मंत्री के समक्ष यह मुद्दा उठाना चाहिए था." 

सोपोर में युवक के परिवार से मिलने की अनुमति नहीं दिए जाने पर, मुफ्ती ने कहा कि वह अपनी पार्टी के साथ उग्रवादी संगठन जैसा व्यवहार नहीं होने दे सकतीं. उन्होंने कहा, "पीडीपी एक विपक्षी पार्टी है, हम कोई उग्रवादी संगठन नहीं हैं. किसी भी अन्याय के पीड़ितों के साथ खड़ा होना हमारा कर्तव्य और अधिकार है. इन घटनाओं के दिन, मैं सोपोर जाना चाहती थी और इल्तिजा बिलावर जाना चाहती थी. हालांकि, बिना किसी सूचना या कारण के, हमारे गेट को बंद कर दिया गया और हमें बाहर जाने की अनुमति नहीं दी गई. यह क्या है?" 

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