
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सुरक्षा बलों के काफिले पर बड़े आतंकी हमले और 37 जवानों के शहीद होने के एक दिन बाद शुक्रवार को भी पाकिस्तान की ओर से फिर से पुंछ में एलओसी के पास सीजफायर का उल्लंघन किया गया जिसका जवाब भारत की ओर से सुरक्षा बल दे रहे हैं. आतंकी हमले के बाद जम्मू में इंटरनेट सेवा रोक दी गई है.
पुलवामा में सुरक्षाबलों के काफिले पर हुआ यह आत्मघाती हमला 2016 में उरी सेक्टर में सेना के कैंप पर हुए आतंकी हमले से भी बड़ा है जिसमें 19 जवानों की मौत हुई थी. गुरुवार को कश्मीर में हुए इस सबसे बड़े आतंकी हमले में 37 जवान शहीद हो गए. 40 से ज्यादा जवान घायल भी हुए है.
आतंकी हमले में एक आत्मघाती हमलवार ने गुरुवार को पुलवामा में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर अपनी विस्फोटकों से लदी एसयूवी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की बस से टकरा दी और उसमें विस्फोट कर दिया. इस हमले में सीआरपीएफ के 37 जवान शहीद हो गए और बड़ी संख्या में जवान घायल हो गए हैं. पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) ने इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है और आत्मघाती हमलावर का एक वीडियो जारी किया गया है जिसे हमले से पहले शूट किया गया था.
यह आतंकी हमला श्रीनगर से करीब 30 किलोमीटर दूर लेथपोरा इलाके में हुआ. जैश-ए-मोहम्मद ने कहा कि उसका एक कमांडर आदिल अहमद डार आत्मघाती हमलावर था.
पुलिस सूत्रों और अन्य अधिकारियों के अनुसार, एसयूवी चला रहे आत्मघाती हमलावर ने दोपहर बाद करीब सवा तीन बजे अपने वाहन से सीआरपीएफ की बस में टक्कर मारी, जिससे जबर्दस्त विस्फोट हुआ. हादसे के वक्त 78 वाहनों के काफिले में 2,547 सीआरपीएफ जवान जम्मू के ट्रांजिट शिविर से श्रीनगर की ओर जा रहे थे.
शुरुआत में आतंकी हमले में आठ जवानों के शहीद होने की खबर आई थी, बाद में लेकिन शहीदों की संख्या काफी बढ़ गई क्योंकि जब अन्य सीआरपीएफ जवान हादसे की शिकार बस के पास पहुंचे तो उन्होंने वहां केवल बस का मलबा पाया. कहा जा रहा है कि उस बस में 39 जवान सवार थे.