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मुस्लिम बहुल होकर भी PAK के साथ नहीं गए, आज कश्मीरियों को घरों में घुसकर मारा जा रहा: महबूबा मुफ्ती

PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि हम एक मुस्लिम मैजोरिटी स्टेट हैं. खुद कहते हैं हमें भगवा झंड़ा चाहिए. हमें तिरंगा नहीं चाहिए.

महबूबा मुफ्ती- फाइल फोटो महबूबा मुफ्ती- फाइल फोटो
अशरफ वानी
  • श्रीनगर,
  • 13 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 12:25 AM IST
  • 'सेक्युलरिज्म के साथ हाथ मिलाया'
  • 'हमें सबक सिखाया जा रहा'

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने अमरनाथ यात्रा और हर घर तिरंगा लगाए जाने के मामले को लेकर भाजपा पर कई सवाल उठाए हैं. महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को कहा कि अमरनाथ यात्रा हिंदू-मुस्लिम भाईचारे की निशानी होती थी, लेकिन भाजपा ने इसका राजनीतिकरण कर दिया है. उन्होंने कहा कि हमनें हिंदुस्तान के साथ बराबरी के रिश्ते से रहे, दूसरी रियासतों की तरह नहीं. हम एक मुस्लिम मैजोरिटी स्टेट हैं. हमनें मुसलमान होने के बावजूद भी पाकिस्तान के साथ जाने से इंकार दिया.

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'सेक्युलरिज्म के साथ हाथ मिलाया'
मुफ्ती ने कहा कि हमने हिंदुस्तान की जम्हूरियत के साथ हाथ मिलाया. यहां के सेक्युलरिज्म के साथ हाथ मिलाया. तभी हमने उस मुल्क का झंड़ा कुबूल किया और उसके साथ अपना झंड़ा मिलाया और दोनों को हम सलाम करते रहे. भाजपा पर निशाना साधते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा कि ये (BJP) आज घर में घुस के हमारे घरों मे झंड़े लगाते हैं. अरे झंड़ा लगाने या घुस के मारने वाली क्या बात है? 

'हमें सबक सिखाया जा रहा'
ये हर घर में घुस-घुस कर झंड़ा लगाने का क्या तमाशा है. ये तो खुद उस झंडे की इज्जत नहीं करते. खुद कहते हैं हमें भगवा झंड़ा चाहिए. हमें तिरंगा नहीं चाहिए और हमें यहां आकार सबक सिखाते हैं.

'1947 के बाद इस तरह के हालात नहीं देखे'
आज उत्तरी कश्मीर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुफ्ती ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि 1947 के बाद हमने इस तरह के हालात कभी देखे थे. वर्ष 2019 से यहां जुल्म को दौर शुरु हुआ है, हर राेज किसी न किसी तरीके से लोगों पर जुल्म हो रहा है. पुलवामा मसले पर उन्होंने कहा कि मुझे नहीं मालूम कि वहां क्या हुआ था, लेकिन हमारे कई नौजवान बलिदान हुए थे. 

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जम्मू-कश्मीर के साथ अलग बर्ताव
मुफ्ती ने कहा कि जिस तरह से जम्मू-कश्मीर के साथ बर्ताव किया जा रहा है, ऐसा लगता है कि यह जम्मू-कश्मीर को अपना नहीं बल्कि किसी दूसरे मुल्क का हिस्सा मानते हैं. इसलिए हमें इसका मुकाबला करना है. हमारे पास सिर्फ हमारी जुबान और शिनाख्त ही बची है. कश्मीर का रहने वाला हर नागरिक चाहे वह हिंदू है या मुसलमान,गुज्जर या सिख,सभी कश्मीरी हैं.
 

 

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