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जम्मू-कश्मीर: PDP चीफ महबूबा मुफ्ती का दावा, फिर किया गया नजरबंद, बाहर CRPF तैनात

महबूबा मुफ्ती ने दावा किया गया है कि उन्हें हाउस अरेस्ट यानी नजरबंद किया गया है. उन्होंने ट्विटर पर गुप्कर इलाके में अपने आवास के बंद दरवाजों और बाहर खड़ी सीआरपीएफ की गाड़ी की तस्वीरें भी पोस्ट की हैं. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की 'कठोर नीतियों' के कारण कश्मीरी पंडितों की हत्याएं हुई हैं. 

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (फाइल फोटो) जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 21 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 2:50 PM IST

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने रविवार को दावा किया कि उन्हें नजरबंद कर दिया गया है. मुफ्ती ने ट्वीट कर बताया कि वो कश्मीरी पंडित सुनील कुमार भट के परिवार से मिलने जा रही थीं, उसी समय रोकने के लिए सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें नजरबंद कर दिया.  

महबूबा मुफ्ती ने ट्विटर पर गुप्कर इलाके में अपने आवास बंद दरवाजों और बाहर खड़ी सीआरपीएफ की गाड़ी की तस्वीरें भी पोस्ट की हैं. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की 'कठोर नीतियों' के कारण कश्मीरी पंडितों की हत्याएं हुई हैं. 

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मुफ्ती ने ट्वीट कर दी जानकारी

महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर लिखा, "भारत सरकार कश्मीरी पंडितों के हालात छिपाना चाहती है क्योंकि उसकी कठोर नीतियों की वजह से उनकी टारगेट किलिंग हुई है, जिन्होंने पलायन का विकल्प नहीं चुना है. इस तरह सरकार हमें सबके सामने कश्मीरी पंडितों का दुश्मन प्रोजेक्ट कर रही है. इसी वजह से मुझे नजरबंद कर लिया गया है."  मुफ्ती ने कहा कि छोटेपोरा में सुनील भट के परिवार से मिलने से प्रशासन ने हमें रोक दिया. उन्होंने कहा कि प्रशासन दावा करता है कि हमें बंद करना अपनी सुरक्षा के लिए है, जबकि वे खुद घाटी के हर नुक्कड़ पर जाते हैं. 

मीरवाइज को नहीं किया नजरबंद: LG

इससे पहले कश्मीरी अलगाववादी नेता मीरवाइज उमर फारुक के नजरबंद होने पर विवाद चल रहा है. एलजी मनोज सिन्हा ने कहा है कि उनके पिता की एक घटना में मौत हो गई, इसलिए उनकी सुरक्षा के लिए पुलिसकर्मी उनके पास रहते हैं.  उन्होंने कहा कि वो न तो हिरासत में हैं और न ही उन्हें नजरबंद किया गया है. मीरवाइज फारुक को कई अन्य अलगाववादी और मुख्यधारा वाले नेताओं के साथ 4 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने से एक पहले हिरासत में लिया गया था. 

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