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J-K: कृषि कानून रद्द होने से जोश में फारुक अब्दुल्ला, बोले- ऐसे ही अनुच्छेद 370 बहाल करे मोदी सरकार

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा है कि जिस तरह सरकार ने कृषि कानूनों को वापस लिया है, उसी तरह अनुच्छेद 370 को भी बहाल कर देना चाहिए.

फारूक अब्दुल्ला ने फिर 370 की बहाली की मांग उठाई है. (फाइल फोटो) फारूक अब्दुल्ला ने फिर 370 की बहाली की मांग उठाई है. (फाइल फोटो)
सुनील जी भट्ट
  • श्रीनगर,
  • 19 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 11:32 AM IST
  • फारूक अब्दुल्ला ने 370 बहाल करने की मांग की
  • बोले- राज्य की शांति के लिए 370 बहाल करे सरकार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने तीनों कृषि कानूनों (Farm Laws Repealed) को वापस लेने का ऐलान क्या किया, अब जम्मू-कश्मीर में भी अनुच्छेद 370 को बहाल करने की मांग उठने लगी. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने राज्य में 370 बहाल करने और पूर्ण राज्य का दर्जा वापस लेने की मांग उठाई है. 

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फारूक अब्दुल्ला ने आजतक से बात करते हुए कहा कि जिस तरह कृषि कानूनों को निरस्त कर दिया है, उसी तरह सरकार को अनुच्छेद 370 को भी बहाल करना चाहिए. अब्दुल्ला ने कहा कि चुनावों के कारण सरकार ने कानूनों को रद्द कर दिया, लेकिन मैं इस फैसले का स्वागत करता हूं. उन्होंने ये भी कहा कि संसद से कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने तक किसानों को प्रदर्शन स्थल नहीं छोड़ना चाहिए.

ये भी पढ़ें-- PM मोदी ने किया तीनों कृषि कानून रद्द करने का ऐलान, जानें क्या है आगे संवैधानिक प्रक्रिया?

देर आए, दुरुस्त आएः अब्दुल्ला

कृषि कानून निरस्त करने के फैसले पर अब्दुल्ला ने कहा 'देर आए दुरुस्त आए.' उन्होंने कहा कि अब सरकार और विपक्ष को संसद को सुचारू रूप से चलने देना चाहिए. फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जिस तरह से कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला लिया गया है, उसी तरह सरकार को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को भी बहाल करना चाहिए. इससे राज्य में शांति आएगी. 

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अगस्त 2019 में हटा था अनुच्छेद 370

केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को खास दर्जा देने वाले आर्टिकल 370 को हटा दिया था. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में भी बांट दिया था. दोनों को ही केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया. हालांकि, जम्मू-कश्मीर को विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है, जबकि लद्दाख में विधानसभा नहीं है.

 

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