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जम्मू के इस गांव में एक रहस्यमय बीमारी बना रही है लोगों को दिव्यांग

जम्मू के पुंछ जिले में मंडी के अराई गांव में एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार के चलते यहां रह रहे लोगों के हाथ, पांव और आंखें विकृत हो गई हैं. इसके चलते इन दिव्यांग लोगों के आधार कार्ड नहीं बन पा रहे हैं.

पुंछ के एक गांव में फैली है बीमारी पुंछ के एक गांव में फैली है बीमारी
अश्विनी कुमार/सुरभि गुप्ता
  • जम्मू,
  • 07 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 11:19 PM IST

जम्मू के पुंछ जिले में मंडी के अराई गांव में एक दुर्लभ आनुवंशिक विकार के चलते यहां रह रहे लोगों के हाथ, पांव और आंखें विकृत हो गई हैं. इसके चलते इन दिव्यांग लोगों के आधार कार्ड नहीं बन पा रहे हैं. आधार कार्ड नहीं बनने के चलते इन लोगों को किसी भी सरकारी योजना का लाभ और विकलांगता पेंशन नहीं मिल पा रहा है.

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नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ
यह बीमारी 5 से 8 साल के बच्चों को अपना शिकार बना लेती है, जिसकी शुरुआत जोड़ों में दर्द और सूजन से होती है और बच्चे दिव्यांग बन जाते हैं. इस बीमारी की वजह से इलाके के करीब 84 लोगों के हाथ, पांव और आंखों को विकृत कर दिया है. ऐसे में इन लोगों को किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है क्योंकि आज कल सभी योजनाओं को आधार कार्ड से जोड़ा गया है.

आधार कार्ड ना होने से हो रही परेशानी
अराई गांव के फारूक अहमद बचपन से ही इस बीमारी से ग्रस्त हैं. उनके मुताबिक उन्हें पहले 400 रुपये की विकलांगता पेंशन मिल रही थी, जिसे बढ़ा कर एक हजार रुपये किया गया. लेकिन वो और उनके जैसे दूसरे लोगों को यह पैसा नहीं मिल पा रहा है क्योंकि सरकार पेंशन का यह पैसा सीधे बैंक खाते में डाल रही है और बैंक खाते के लिए आधार कार्ड को जरूरी बनाया गया है.

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पीएम को भेजी गई रिपोर्ट
जम्मू-कश्मीर सोशल वेलफेयर बोर्ड को जब इस बीमारी का पता चला तो बोर्ड के वाइस चेयरमैन डॉ निर्मल गुप्ता अपने स्टाफ के साथ पुंछ के अड़ाई गांव गईं और एक रिपोर्ट बनाकर सरकार को भेजी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जम्मू-कश्मीर के गवर्नर नरिंदर नाथ वोहरा को भी इसकी कॉपी भेजी गई और प्रधानमंत्री कार्यालय ने तुरंत इस पर जवाब भी दिया.

बीमारी की वजह जानने की कोशिश
प्रशासन का दावा है कि इस बीमारी की असली वजह का पता लगाने की कोशिशें जारी हैं, लेकिन अभी तक कामयाबी नहीं मिली है. जानकारों का मानना है कि इस बीमारी के पीछे सबसे बड़ी वजह इस इलाके में अपने ही रिश्तेदारों में हो रही शादियां हैं, लेकिन गांव वाले इस बात को खारिज कर रहे हैं.

पुराने तरीके से ही दी जाए पेंशन
पुंछ जिला प्रशासन का यह भी दावा है कि इन लोगों के खून के नमूने कई जगहों पर भेजे गए हैं, जिससे इस बीमारी के कारणों का पता लगाया जा सके. आधार कार्ड ना बनने और इसके चलते सरकारी योजनाओं का लाभ ना मिलने पर प्रशासन का कहना है कि सरकार इन लोगों को पुराने तरीके से ही पेंशन देने की योजना पर विचार करे.

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