
जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में सेना के ट्रक पर हुए आतंकी हमले में एक बड़ा खुलासा हुआ है. आईबी रिपोर्ट में बताया गया कि बीजी सेक्टर में आतंकियों ने हमले के लिए स्टिकी बम का इस्तेमाल था. उन्होंने इस हमले को कटरा हमले के पैटर्न पर ही अंजाम दिया है. आईबी ने गृह मंत्रालय और एनआईए को सभी तथ्यों से संबंधित रिपोर्ट साझा की है. इस रिपोर्ट में बताया गया कि आतंकियों ने ट्रक पर करीब 36 राउंड गोलियां दागी थीं. उन्होंने हमले में स्टील बुलेट का भी इस्तेमाल किया था. वहीं फॉरेंसिक टीम ने सभी सैंपल लिए हैं. वहीं जांच टीम को ट्रक से 2 ग्रेनेड पिन और मिट्टी के तेल के वाष्प मिले हैं. रिपोर्ट में बताया कि तीन पैरामेडिक्स जिन्होंने सेना के सभी जवानों को निकाला और एक जख्मी जवान के बयान भी दर्ज किए गए हैं.
इस आतंकवादी हमले में 5 फौजी जवान शहीद हुए हैं. सात आतंकियों हमले को अंजाम दिया था. इनमें तीन विदेशी आतंकी हैं. हमले का बदला लेने के लिए सेना ने राज्य पुलिस के साथ मिलकर अपना एक्शन शुरू किया है. करीब 2000 कमांडो को सर्च ऑपरेशन में लगाया गया है. सेना के पास इनपुट है कि इलाके में सात आतंकवादी छिपे हैं. इसके लिए गहन तलाशी अभियान शुरू किया गया है. इस सर्च ऑपरेशन को ड्रोन और हेलिकॉप्टरों के जरिए अंजाम दिया जा रहा है. सेना ने शूट एट साइट के ऑर्डर दे दिए हैं.
ये हमला राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों पर हुआ. ये वो यूनिट है जो कश्मीर में आतंकियों को चोट पहुंचाती है. बीते कुछ सालों में जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ 'ऑपरेशन ऑलआउट' चल रहा है, जिसे राष्ट्रीय राइफल्स ही चला रही है. हमले में जो जवान शहीद हुए, उनके नाम हैं- हवलदार मनदीप सिंह, लांस नायक देबाशीष बसवाल, लांस नायक कुलवंत सिंह, सिपाही हरकृष्ण सिंह और सिपाही सेवक सिंह. ये सभी राष्ट्रीय राइफल्स के जवान थे.
आतंकी हमले की जिम्मेदारी पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने ली है. इसे पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का समर्थित संगठन बताया जा रहा है. पीएएफएफ जम्मू कश्मीर में एक्टिव आतंकी संगठन है. पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट 2019 में जैश के प्रॉक्सी आउटफिट के तौर पर उभरा था. तभी से यह देशभर में विशेष रूप से जम्मू कश्मीर में आतंकी हमलों को अंजाम दे रहा है. यह पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ है.
यह संगठन पहली बार 2019 में में ही जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद सामने चर्चा में आया था. PAFF समय-समय पर सेना और सरकार को कई धमकियां भी दे चुका है. साल 2020 में संगठन ने वीडियो जारी कर कश्मीर में इजरायल की ओर से दो सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जाने पर धमकी दी थी. इसी साल जनवरी-फरवरी के दौरान जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आर्मी यूनिट्स को एक एडवाइजरी जारी की थी. बताया गया था कि आने वाले दिनों में बॉर्डर से घुसपैठ बढ़ने की आशंका है. इसकी वजह कश्मीर में होने वाले G 20 समिट को बताया गया.
यह हमला ऐसे समय में किया गया जब भारत इस साल जी-20 समिट की अध्यक्षता कर रहा है. इसके तहत अलग-अलग जगह बैठकें होनी हैं. इसमें दो बैठकें श्रीनगर और लद्दाख के लेह में होंगी. लेह में 26 से 28 अप्रैल और श्रीनगर में 22 से 24 मई को बैठक होनी है.
आतंकी और उनके आका पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पाकिस्तान के रिटायर्ड अधिकारियों की सह पर स्टिकी बम बना रहे हैं साथ ही कुछ आतंकी ऑनलाइन वीडियो के जरिए भी तकनीकी का इस्तेमाल कर रहे हैं.
आतंकी अलग-अलग तरीके के स्टिकी बम बनाने के लिए जुगाड़ तकनीक का भी इस्तेमाल कर रहे हैं. इनको मैग्नेटिक प्लेट के जरिए जोड़ा जा रहा है. यह बम एक तरीके का चिपकने वाला बम है जो कि गाड़ियों या किसी लोहे या मैग्नेटिक वस्तु की ओर फेंके जाने पर उससे चिपक जाता है और दूर से ही रिमोट के जरिए या टाइमर सेट करके इसमें ब्लास्ट किया जा सकता है.
स्टिकी बम को मैग्नेटिक बम भी कहते हैं, ऐसे बम बनाने के लिए IED को असेम्बल किया जाता है और उसमें मैग्नेटिक का टुकड़ा लगाकर गाड़ियों या लोहे की किसी वस्तु में चिपकाया जा सकता है. इसके बाद इसे कहीं दूर बैठकर या टाइमर सेट करके ब्लास्ट किया जा सकता है. स्टिकी बम को आतंकी ज्यादातर फ्यूल टैंक के पास चिपकाते है, जिससे ब्लास्ट होने ज्यादा नुकसान हो.