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J-K: बीटेक छात्र ने चुनी आतंक की राह, मां-बहन ने की घर वापसी की अपील

जम्मू कश्मीर में पुलवामा के एक छात्र ने आतंक का रास्ता अपना लिया है. वहीं, युवक की मां और बहन ने वीडियो बनाकर उससे घर लौटने की अपील की है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
अजीत तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 02 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 11:35 AM IST

जम्मू कश्मीर में युवाओं का आतंकियों से हाथ मिलाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा मामला घाटी के पुलवामा का है जहां के एक बीटेक छात्र ने आतंकवादी संगठन का दामन थाम लिया है. इधर, युवक का परिवार अपने बेटे से आतंकियों का साथ छोड़ घर लौटने की गुहार लगा रहा है.

दरअसल, पुलवामा जिले का एक बीटेक छात्र गायब हो गया था, जिसके बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो गया. इस वीडियो में युवक का परिवार अपने बेटे से आतंक की राह छोड़ घर वापसी करने की अपील कर रहा है.

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युवक के परिवार का कहना है कि उन्हें भी सोशल मीडिया से ही पता चला कि उनके बेटे ने आतंक के रास्ते को अपना लिया है. अगवा युवक का नाम खुर्शीद अहमद मलिक है जो पुलवामा के अरवल गांव का रहने वाला है. मलिक की मां और बहन ने वीडियो बनाकर उससे घर लौटने की गुहार लगाई है. युवक मलिक की मां की तबीयत काफी खराब है.

7 महीने में 110 युवा आतंकी संगठनों से जुड़े

घाटी में लगातार युवा आतंक की राह को चुन रहे हैं. कश्मीर में इस साल 15 जुलाई तक 110 स्थानीय युवा आतंकी संगठनों से जुड़े हैं. इनमें सबसे अधिक 28 युवा दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के रहने वाले हैं. यह जिला आतंकवाद से सबसे ज्यादा प्रभावित है. हालांकि, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री हंसराज गंगाराम अहीर का कहना है कि जम्मू एवं कश्मीर के 87 युवा 20 जुलाई तक आतंकवादी संगठनों में शामिल हुए हैं. अहीर ने लोकसभा में कहा कि यह 87 युवा दक्षिण कश्मीर के चार जिलों अनंतनाग (14), पुलवामा (35), शोपियां (23) और कुलगाम (15) से ताल्लुक रखते हैं.

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अधिकारियों ने बताया कि पिछले साल 126 स्थानीय युवा आतंकवादी संगठनों से जुड़े थे तथा इस साल यह आंकड़ा और ऊपर जा सकता है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में राज्यपाल शासन लागू होने के बाद से लोगों के लापता होने की शिकायतों में कमी आई है. उन्होंने बताया कि कुछ युवा अब भी आतंकी समूहों में शामिल हो रहे हैं.

सुरक्षा एजेंसी के अधिकारियों ने बताया कि शोपियां, पुलवामा, अनंतनाग, कुलगाम और अवंतीपुरा जिलों सहित दक्षिण कश्मीर के जिलों में अब भी सबसे अधिक युवा आईएसआईएस-कश्मीर और अंसार गजवात-उल-हिंद जैसे संगठनों से जुड़ रहे हैं. यह संगठन अलकायदा से समर्थन प्राप्त होने का दावा करता है. उन्होंने बताया कि इन 5 इलाकों से 91 युवा घाटी में काम करने वाले विभिन्न आतंकी संगठनों से जुड़े.

इस साल आतंकी संगठनों में शामिल होने वालों में कश्मीर विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री प्राप्त करने वाला जुनैद अशरफ सहराई भी शामिल है. वह मोहम्मद अशरफ सहराई का पुत्र है, जिसने सैयद अली शाह गिलानी से तहरीक-ए-हुर्रियत की कमान अपने हाथों में ली है. अधिकारियों ने बताया कि इस सूची में 26 वर्षीय पीएचडी शोधार्थी मन्नान बशीर वानी भी शामिल है। वह अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर रहा था.

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