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35 ए को रद्द करने से जम्मू-कश्मीर का देश के शेष भाग से संबंध खत्म हो जाएगा: शाह फैसल

आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने कहा कि अनुच्छेद 35 ए निकाहनामे की तरह है. इसे रद्द करने से देश के बाकी हिस्से से जम्मू कश्मीर का संबंध खत्म हो जाएगा.

आईएएस अधिकारी शाह फैसल आईएएस अधिकारी शाह फैसल
अजीत तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 05 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 8:21 AM IST

जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 35 ए को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. इस सुनवाई से ठीक पहले कश्मीर में अलगाववादी संगठनों के साथ-साथ नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी आर्टिकल के समर्थन में आवाज बुलंद की है. अब कश्मीर के ही रहने वाले आईएएस अधिकारी शाह फैसल ने भी आर्टिकल 35 ए की पैरोकारी की है.

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अपनी बेबाक राय रखने के लिये जाने-जानेवाले शाह फैसल ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 35 ए को रद्द करने से देश के बाकी हिस्से से जम्मू कश्मीर का संबंध खत्म हो जाएगा. 2010 बैच के यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के टॉपर फैसल फिलहाल मिड करियर स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम में हिस्सा लेने के लिये अमेरिका में हैं. शाह फैसल 2010 बैच के UPSC टॉपर रहे हैं.

उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'मैं अनुच्छेद 35 ए की तुलना निकाहनामा से करूंगा. आप इसे समाप्त करते हैं तो रिश्ता खत्म हो जाएगा. उसके बाद चर्चा के लिये कुछ भी नहीं बचेगा.' उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर का विलय भारत के संविधान के लागू होने से पहले हुआ.

उन्होंने कहा, 'हां, जो लोग कहते हैं कि विलय अब भी कायम है, वे यह भूल जाते हैं कि विलय ‘रोका’ की तरह था, क्योंकि उस वक्त संविधान लागू नहीं हुआ था.' उन्होंने कहा, 'अगर निकाहनामा को समाप्त कर दिया जाता है तो क्या तब भी रोका दो लोगों को बांधे रख सकती है.' आईएएस अधिकारी ने हालांकि कहा कि जम्मू कश्मीर के संबंध में विशेष संवैधानिक प्रावधान से देश की संप्रभुता और अखंडता को कोई खतरा नहीं है.

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उन्होंने कहा, 'मुद्दे पर भ्रमित नहीं हों. भारत की संप्रभुता और अखंडता को चुनौती नहीं दी जा सकती है. बिल्कुल नहीं. हालांकि, संविधान में जम्मू कश्मीर राज्य के लिये कुछ विशेष प्रावधान रखे गए हैं. यह अनोखी व्यवस्था है. यह भारत की अखंडता के लिये कोई खतरा नहीं है.'

फैसल के खिलाफ पहले ही केंद्र के कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के अनुरोध पर जम्मू कश्मीर सरकार ने अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है. उन्होंने देश में लगातार बलात्कार की घटनाओं के बारे में ट्वीट किया था, जिसके बाद उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया गया था.

बता दें कि इसी साल अप्रैल में फैसल ने बलात्कार की घटनाओं को लेकर 'रेपिस्तान' शब्द का इस्तेमाल किया था. जिस पर काफी विवाद हुआ. यहां तक कि ये ट्वीट करने के लिए शाह फैसल ने अपने बॉस से चेतावनी भरा पत्र मिलने की जानकारी भी साझा की थी. फैसल ने ट्वीट में लिखा था- पितृसत्ता+जनसंख्या+निरक्षरता+शराब+पॉर्न+तकनीक+अराजकता=रेपिस्तान.

साथ ही उन्होंने अपने विवादित ट्वीट को व्यंग बताते हुए साउथ एशिया में रेप कल्चर पर किया गया ट्वीट बताया था. फैसल ने 2010 में सिविल सेवा परीक्षा में टॉप किया था. ऐसा करने वो पहले कश्मीरी थे.

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