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'नतीजे ही ऐसे थे या तो हंसना था या रोना था...', दिल्ली विधानसभा चुनाव पर बोले J-K के सीएम उमर अब्दुल्ला

दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सोमवार को जम्मू-कश्मीर के सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि चुनाव के नतीजे ही ऐसे थे, जिन्हें देख कर या तो हंसना था या फिर रोना था और रोना मुझे पसंद नहीं करता हूं.

उमर अब्दुल्ला. (Photo: PTI) उमर अब्दुल्ला. (Photo: PTI)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 6:35 AM IST

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि नतीजे ही ऐसे थे, जिन्हें देख कर या तो हंसना था या फिर रोना था और रोना मुझे पसंद नहीं करता हूं.

दरअसल, उमर अब्दुल्ला सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के लिए दिल्ली पहुंचे थे. जहां उन्होंने राज्य का दर्जा बहाल करने और केंद्र शासित प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति समेत विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. मुलाकात के बाद उन्होंने मीडिया को बताया कि उन्होंने गृह मंत्री से प्रदेश के कई मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें राज्य का दर्जा, सुरक्षा, कानून-व्यवस्था और 3 मार्च से शुरू होने वाला आगामी बजट सत्र भी शामिल थे.

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उनसे जब दिल्ली विधानसभा चुनाव के रिजल्ट वाले दिन की एक्स पोस्ट के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि नहीं करता तो क्या रोना शुरू करता. नतीजे ही ऐसे थे या तो हंसना था या रोना था और रोना मैं पसंद नहीं करता हूं.

'इंडिया ब्लॉक की मीटिंग में बोलूंगा'

वहीं, जब उनसे इंडिया ब्लॉक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि नहीं कुछ नही कहना है. इंडिया ब्लॉक की कभी मीटिंग होगी तो मीटिंग के अंदर कहूंगा, आप लोगों (मीडिया) को कुछ कहता हूं तो खामखा कुछ बवाल पैदा हो जाता है.

J-K की स्थिति के बारे में दी जानकारी

अधिकारियों ने कहा कि 30 मिनट तक चली बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री  को हाल की दो घटनाओं के बाद जम्मू-कश्मीर की स्थिति के बारे में जानकारी दी. जम्मू के कठुआ में आत्महत्या से एक व्यक्ति की मौत और उत्तरी कश्मीर के सोपोर में एक चौकी पर नहीं रुकने पर एक ट्रक चालक को गोली मार दी गई.

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अधिकारियों ने कहा कि माना जाता है कि सोमवार को बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री को केंद्रशासित प्रदेश के लोगों को विश्वास में लेने की आवश्यकता से अवगत कराया और कहा कि लोगों के जन प्रतिनिधि के रूप में, उनकी सरकार को कानून और व्यवस्था बनाए रखने में दखल देना चाहिए.

अधिकारियों ने कहा कि अब्दुल्ला ने गृह मंत्री को कारोबारी नियमों के बारे में भी जानकारी दी, जिनकी गृह मंत्रालय द्वारा जांच किए जाने की संभावना है. उन्होंने विनिर्माण क्षेत्र को प्रोत्साहित करने और अधिक पर्यटकों को लाने के लिए औद्योगिक और पर्यटन नीतियों में कुछ बदलावों पर भी चर्चा की.

बता दें कि 2019 में जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में डाउनग्रेड किए जाने के बाद से वहां की कानून-व्यवस्था केंद्र सरकार के सीधे नियंत्रण में है.

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