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J-K: सुरक्षा एजेंसियां क्रैकडाउन के लिए तैयार, घाटी में हाइब्रिड आतंकियों की अब खैर नहीं

अभी तक इनकी भूमिका टारगेट किलिंग की वारदात में प्रमुख रूप से सामने आई है. यही वजह है कि केंद्र सरकार ने आतंक के इन बहरूपियों को जल्द से जल्द खत्म करने का प्लान तैयार किया है.

कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों ने शुरू किया ऑपरेशन (फाइल फोटो) कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों ने शुरू किया ऑपरेशन (फाइल फोटो)
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली ,
  • 15 जून 2022,
  • अपडेटेड 2:45 PM IST
  • हाइब्रिड आतंकी Hit and Run की रणनीति पर कर रहे काम
  • टारगेट किलिंग में सामने आई इन आतंकियों की भूमिका

जम्मू कश्मीर में हाइब्रिड आतंकवादी सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक नई चुनौती बनकर उभरे हैं. पिछले 2 महीने में एक दर्जन से ज्यादा हाइब्रिड आतंकवादियों की घाटी के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ्तारी हुई है. इसके बाद से सुरक्षा और खुफिया एजेंसी ये मान कर चल रही हैं कि आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के बाद सामान्य जीवन जीने का नाटक करने वाले ऐसे आतंकवादी अब बड़ी घटनाओं को अंजाम देने की फिराक में हैं. 

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अभी तक इनकी भूमिका टारगेट किलिंग की वारदात में प्रमुख रूप से सामने आई है. यही वजह है कि केंद्र सरकार ने आतंक के इन बहरूपियों को जल्द से जल्द खत्म करने का प्लान तैयार किया है.

खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, 2 महीने और टारगेट किलिंग की 6 वारदात को हाइब्रिड आतंकवादियों ने कश्मीर में अंजाम दिया. ये आतंकवादियों का नया तरीका है और ज्यादातर सदस्य जो हाइब्रिड आतंकवादी होने का दावा करते हैं वह लश्कर-ए-तैयबा से ही जुड़े हैं.

कौन होते हैं हाइब्रिड आतंकवादी?

हाइब्रिड आतंकवादी दरअसल आतंकवादियों के रूप में नहीं जाने जाते हैं. लेकिन ये आतंकी मंसूबों के प्रति सहानुभूति जरूर रखते हैं. ये अपने आकाओं के जरिए दिए गए काम के मुताबिक, हमले करने के लिए पर्याप्त रूप से प्रशिक्षित होते हैं. वहीं, इस तरह के आतंकवादी वारदात को अंजाम देने के बाद आम जिंदगी जीने लगते हैं और अगला काम मिलने तक का इंतजार करते हैं.

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राज्यसभा में सरकार द्वारा दिए गए आंकड़ों के मुताबिक, घाटी में 5 अगस्त 2019 से 26 जनवरी 2022 तक कुल 439 आतंकवादी मारे गए थे. इस साल अब तक ये आंकड़ा 100 के पार हो चुका है, जिसमें 30 पाकिस्तानी आतंकी हैं. ऐसे में अब आतंकियों ने टारगेट किलिंग के लिए हाइब्रिड आतंकियों को इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. घाटी में तैनात अलग-अलग एजेंसियों ने जब हाइब्रिड आतंकवादियों के बारे में और तफ्तीश की तो ये सामने आया.

कैसे काम कर रहे हैं हाइब्रिड आतंकी?

1. हाइब्रिड आतंकी ऐसे स्थानीय युवक हैं, जिनका पुराना आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है. ये स्थानीय युवक पिस्टल लेकर आते हैं और हमला करके फरार हो जाते हैं और सामान्य जीवन जीने लगते हैं.

2. ऐसे में इनकी पहचान करना मुश्किल हो रहा है. इन्हीं दहशतगर्दों को हाइब्रिड आतंकी कहा जा रहा है. ज्यादातर केसों में यह आतंकी स्थानीय होते हैं.

3. इन आतंकियों को ऑनलाइन ही भर्ती किया जाता है. इन्हें ऑनलाइन ही ट्रेनिंग दी जाती है. इसके बाद इन्हें हमला करने के लिए भेजा जाता है.

4. आतंकी 1-2 की संख्या में हमले को अंजाम देते हैं, जबकि इससे पहले जो आतंकी घटनाओं के वीडियो सामने आते थे उनमें 3-4 आतंकी शामिल होते थे.

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5. Hit and Run की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, सुरक्षा बलों और सिविलियन को निशाना बनाकर ये आतंकी ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) के साथ मिलकर काम करने लगते हैं.

6. सूत्रों के मुताबिक LeT का ही छदम आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) कश्मीर के कुछ युवाओं को जोड़कर टार्गेटेड किलिंग करवा रहे हैं.

7. खुफिया सूत्रों के मुताबिक, आतंकी जिनको टारगेट किलिंग के लिए चुनता है उसको फंडिंग और हथियारों के लिए लोकल आतंकी मदद करते हैं. नए रिक्रूट किए गए आतंकी के पास पिस्टल और दूसरे हथियार देकर ये कहा जाता है कि मारो और भाग जाओ (Hit and run).

8. कश्मीर में सेलेक्टिव किलिंग के लिए LeT के बड़े आतंकी कमांडर नए युवाओं को रेडिक्लाइज कर उनको छोटे छोटे हथियार देकर हमले करवाते हैं. खुफिया एजेंसियां युवाओं को बड़े आतंकियों के कमांडर से संपर्क में आने से रोकने का प्रयास कर रही हैं.
 
9. खुफिया एजेंसियां इस समय भाड़े के आतंकियों पर भी नजर रख रही हैं. ये वो आतंकी हैं जिनका कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है पर वारदात करके निकल जाते हैं. इन्हें Pseudo टेररिस्ट कहा जाता है. सूत्रों ने बताया कि ये आतंकी न तो सुरक्षा एजेंसियों की लिस्ट में हैं, न ही इन आतंकियों की कोई ग्रेडिंग की गई है.

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10. टारगेट किलिंग की 6 घटनाओं को हाइब्रिड आतंकियों ने अंजाम दिया. ये आतंकी हमले से सिर्फ 10-15 दिन पहले संगठन में शामिल हुए थे. आतंकी संगठन इंटरनेट के जरिए स्थानीय युवकों को लुभाकर आतंकी बना रहे हैं. एक दर्जन हाइब्रिड आतंकियों के गिरफ्तार होने के बाद अब सुरक्षा एजेंसियां ऐसे आतंकियों के सरगना की तलाश कर रहे हैं जो घाटी के अलग-अलग हिस्सों में युवाओं को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. 

12 दिन में 14 आतंकी ढेर

कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ सुरक्षाबलों का बड़ा ऑपरेशन चल रहा है, 12 दिन में 14 आतंकी ढेर किए जा चुके हैं.  गृह मंत्री अमित शाह ने 3 जून को कश्मीर सुरक्षा व्यवस्था समीक्षा बैठक की थी जिसके बाद 12 दिन में 14 आतंकी मारे गए हैं. इनमें से एक आतंकी बैंक मैनेजर की हत्या का आरोपी है.

सुरक्षाबलों के सूत्र ने बताया है कि ऐसे ही बड़े ऑपरेशन आने वाले दिनों में जारी रहेंगे क्योंकि केंद्र सरकार इस वक्त सख्त है और हाइब्रिड और Pseudo आतंकियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन करने के लिए सुरक्षाबलों को निर्देश दिए गए हैं. सूत्र बताते हैं कि हाइब्रिड आतंकवादियों की लगातार लिस्ट तैयार की जा रही हैं और उनके खिलाफ आने वाले दिनों में बड़े क्रैकडाउन किए जाएंगे. 

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