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J-K: अमरनाथ यात्रा से ठीक पहले एनकाउंटर, रूट से कुछ किलोमीटर दूर मारे गए दो आतंकी

अमरनाथ यात्रा से ठीक एक दिन पहले कुलगाम में सुरक्षाबलों ने दो आतंकी को मार गिराया है. कुलगाम में काफी देर से सुरक्षाबलों और आतंकी में मुठभेड़ चल रही थी.

अमरनाथ यात्रा रूट से कुछ किमी दूरी पर ही आतंकी मारा गया है. (फाइल फोटो-PTI) अमरनाथ यात्रा रूट से कुछ किमी दूरी पर ही आतंकी मारा गया है. (फाइल फोटो-PTI)
अशरफ वानी
  • श्रीनगर,
  • 29 जून 2022,
  • अपडेटेड 8:47 PM IST
  • 30 जून से शुरू हो रही है अमरनाथ यात्रा
  • यात्रा रूट से थोड़ी दूर पर हुआ एनकाउंटर

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को ढेर कर दिया है. सुरक्षाबलों ने जिस जगह पर इन दो आतंकियों को मारा है, वो अमरनाथ यात्रा के रूट से महज कुछ ही किलोमीटर दूर है. दोनों आतंकी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हुए थे. दिन में दूसरी मुठभेड़ कुपवाड़ा के जुमगंद इलाके में नियंत्रण रेखा के पास शुरू हुई. जिसमें घुसपैठियों का समूह फंस गया है.

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जानकारी के मुताबिक, कुलगाम के पाति आखरन मीरबाजार में सुरक्षाबलों और आतंकी के बीच मुठभेड़ चल रही थी. इस मुठभेड़ में दो आतंकी मारे गए हैं. जिस जगह एनकाउंटर हुआ है, वो नेशनल हाईवे से महज कुछ किलोमीटर दूर है. इसी हाईवे से अमरनाथ यात्री भी गुजरेंगे. 

कोरोना महामारी की वजह से दो साल से यात्रा नहीं हुई थी. अमरनाथ यात्रा दो साल बाद शुरू हो रही है. आज सुबह ही उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं के पहले जत्थे को रवाना किया था. पहले जत्थे में 4,890 श्रद्धालु हैं, जिन्हें बुधवार सुबह जम्मू के भगवती नगर बेस कैम्प से रवाना किया गया. 

अमरनाथ यात्रा दो रास्तों से की जाती है. पहला रास्ता पहलगाम से है और दूसरा सोनमर्ग के बालटाल से. श्रद्धालुओं को ये रास्ता पैदल ही तय करना पड़ता है. पहलगाम से अमरनाथ की दूरी लगभग 48 किलोमीटर है, जबकि बालटाल से ये दूरी तकरीबन 14 किलोमीटर की है. पहलगाम वाला रास्ता भले ही बालटाल से ज्यादा लंबा है, लेकिन ये ज्यादा सुविधाजनक और आसान है.

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इस बार अमरनाथ यात्रा को लेकर खतरा ज्यादा है. इसलिए सुरक्षाबलों की 400 से ज्यादा कंपनियों को तैनात किया गया है. चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी की जा रही है. खुफिया सूत्रों का कहना है कि यात्रियों को ग्रेनेड के जरिए आतंकी निशाना बना सकते हैं या फिर यात्रियों के कैम्प पर भी आतंकी हमले की साजिश रच सकते हैं. इतना ही नहीं, ऐसी भी आशंका है कि आतंकी आईईडी ब्लास्ट के जरिए यात्रियों को निशाना बना सकते हैं. 

अमरनाथ यात्रा 30 जून यानी गुरुवार से शुरू होगी और 11 अगस्त यानी रक्षाबंधन के दिन खत्म होगी. 43 दिन चलने वाली इस यात्रा के लिए इस बार 3 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने रजिस्ट्रेशन करवाया है. आखिरी बार अमरनाथ यात्रा 2019 में हुई थी, लेकिन धारा 370 हटाने की वजह से इस यात्रा को बीच में ही रद्द कर दिया गया था. उस समय 1 जुलाई से 1 अगस्त के बीच 3.42 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं ने यात्रा की थी.

 

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