
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) की पूर्व छात्र नेता शेहला रशीद एक बार फिर से सुर्खियों में हैं. इस बार उनके पिता अब्दुल रशीद शोरा ने ही उन पर एंटी नेशनल होने और जान का खतरा होने जैसे आरोप लगाए हैं. शेहला रशीद के पूरे विवाद से आईएएस से नेता बने शाह फैसल ने खुद को अलग कर लिया है.
शाह फैसल ने कहा कि जहां तक मेरा नाम एक पूर्व सहकर्मी के पारिवारिक विवाद में घसीटा गया है, मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैंने किसी भी आतंकी से न तो मुलाकात की है और न ही प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सलाह ली है, न ही उनसे समर्थन या लाभ की बात की है. 2018 में अमेरिका में भी मैं अपने कार्यों और कथनों के साथ बहुत सावधान रहा हूं और देश की सुरक्षा और अखंडता पर कभी भी कुछ भी नहीं कहा.
आगे शाह फैसल ने कहा कि आईएएस में होने के नाते मैं पूरी तरह से रेडलाइन से अवगत हूं और मैं जहां खड़ा हूं, उसके बारे में बहुत स्पष्ट हूं. उन्होंने कहा कि मैं सार्वजनिक जीवन की विकृतियों को जानता हूं, मुझे अपना नाम किसी ऐसी चीज में घसीटते हुए देखकर बहुत दुख होता है, जिसके साथ मैं दूर-दूर तक नहीं जुड़ा हूं. मैं एनआईए, सीबीआई, ईडी या किसी भी एजेंसी के सामने पेश होने के लिए तैयार हूं.
बता दें कि शेहला रशीद के पिता ने जम्मू-कश्मीर के डीजीपी को पत्र लिखकर अपनी बेटी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. अब्दुल रशीद ने पत्र में दावा करते हुए लिखा है कि उन्हें अपनी बेटी से जान का खतरा है. उन्होंने बेटी पर एंटीनेशनल होने का भी आरोप लगाया है. इस चिट्ठी में शाह फैसल का भी जिक्र है.
शेहला रशीद के पिता अब्दुल आर शोरा का कहना है कि शेहला ने अमेरिका जाने के बाद एक पार्टी बनाई थी. उस पार्टी का सारा फंड एंटी नेशनल फोर्स से आ रहा है, कोई राष्ट्रीय पार्टी उन्हें फंड नहीं देगी. मैंने डीजी से इस पैसे के सोर्स को पता लगाने की अपील की है, साथ ही अपनी सुरक्षा को लेकर कहा है.