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J-K: टेरर फंडिंग मामले में SIA का एक्शन, जांच एजेंसियों ने दक्षिण कश्मीर के कई इलाकों में की छापेमारी

टेरर फंडिंग से जुड़े मामले में जम्मू कश्मीर में राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने शनिवार को कई जगहों पर छापेमारी की. यह छापेमारी एसआईए के अधिकारियों द्वारा की गई, जिसमें कि पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने मदद की. अधिकारियों के मुताबिक यह तलाशी टेरर फंडिंग केस की चल रही जांच का हिस्सा थी.

टेरर फंडिंग मामले में SIA की छापेमारी (प्रतीकात्मक तस्वीर) टेरर फंडिंग मामले में SIA की छापेमारी (प्रतीकात्मक तस्वीर)
aajtak.in
  • श्रीनगर,
  • 18 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 11:27 AM IST

राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) ने आतंकी फंडिंग मामले में शनिवार को जम्मू कश्मीर में कई जगहों पर छापेमारी की. अधिकारियों ने जानकारी दी कि दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग और कुलगाम जिलों में कई जगहों पर तलाशी ली गई.

अधिकारियों ने बताया कि जिन लोगों पर छापा मारा गया उनमें सरजन बरकती के रिश्तेदार शामिल थे, जो 2016 में सड़क पर विरोध प्रदर्शन के दौरान सुर्खियों में आए थे. उन्होंने कहा कि तलाशी एसआईए के अधिकारियों द्वारा की गई, जिसमें कि पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के जवानों ने मदद की.

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अधिकारियों ने कहा कि यह तलाशी टेरर फंडिंग केस की चल रही जांच का हिस्सा थी.

पुलिस ने ठग को किया गिरफ्तार

इसके अलावा जम्मू से एक और मामला इन दिनों सुर्खियों में है. बीते दिन ही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया जिसने खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) का एक शीर्ष अधिकारी बताकर केंद्र शासित प्रदेश में शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठकें कीं. कमाल की बात ये है कि किसी को भनक भी नहीं लगी कि वह एक ठग है. 

कई दिनों से राज्य में ठाठ से रह रहा था ठग

किरण भाई पटेल के रूप में पहचाने जाने वाले कथित ठग ने खुद को पीएमओ में एडिश्नल डायरेक्टर के पद पर बताया था. किरण पटेल पिछले साल अक्टूबर से कश्मीर घाटी का दौरा कर रहा था. गिरफ्तार होने से पहले वह नियंत्रण रेखा (एलओसी) के करीब उरी में कमान पोस्ट से होते हुए श्रीनगर के लाल चौक तक पहुंचा था. पकड़े जाने से पहले तक उसने सरकारी आतिथ्य का आनंद लिया. 

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लग्जरी सुविधाओं के आनंद ले रहा था शख्स

साथ ही उसे एक निजी सुरक्षा अधिकारी (पीएसओ) और एक लक्जरी होटल में कमरा भी दिया गया था. किरण पटेल पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. सूत्रों ने कहा कि केंद्रीय एजेंसियों को इसकी भनक लगने से पहले ही सीआईडी ​​शाखा ने ठगी का पता लगा लिया था.

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