
श्रीनगर में 30 दिसंबर को एनकाउंटर हुआ था इस दौरान मुठभेड़ में तीन युवक मारे गए थे. अब उनके परिवार वालों ने एनकाउंटर की जांच की मांग को लेकर सोमवार को शहर के लाल चौक इलाके में विरोध प्रदर्शन किया. उन्होंने मांग की कि उनके परिजनों के शवों को उनके मूल स्थानों में दफनाने के लिए उन्हें वापस कर दिया जाए. मुठभेड़ में मारे गए एक युवक अतहर वानी के पिता मुश्ताक वानी ने कहा मैंने सोचा था कि मैं कड़ी मेहनत करूंगा और अपने बेटे को बड़ा अधिकारी बनाऊंगा, लेकिन वह मारा गया. वह सिर्फ 16 साल का लड़का था. कम से कम अब हमें उसका शव दे दें.
सुरक्षा बलों ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि श्रीनगर के बाहरी इलाके में स्थित लवेपोरा में मुठभेड़ में तीन आतंकवादी मारे गए थे. पुलिस के बयान के अनुसार, मुठभेड़ 29 दिसंबर की शाम को शुरू हुई थी जब भारतीय सेना की 02 राष्ट्रीय राइफल्स इकाई ने एक विशिष्ट इनपुट के आधार पर एक ऑपरेशन शुरू किया था. सुरक्षाबलों के बयान में कहा गया है कि मुठभेड़ के दौरान आतंकवादी ने पथराव किया और उन पर गोलीबारी की. मारे गए लोगों की पहचान दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले के अजाज मकबूल गनी और अतहर मुश्ताक और शोपियां के जुबैर अहमद लोन के रूप में की गई. इनमें अतहर 16 वर्षीय कक्षा 11 का छात्र था.
हालांकि, मुठभेड़ के तुरंत बाद दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा इलाके से इन लड़कों के परिवार के सदस्य बाहर आ गए और दावा किया कि वे निर्दोष हैं. मृतक की चाची महबूबा कहती है कि हम पुलवामा से आए. यह अन्याय है. वे निर्दोष थे. यह किसी के साथ नहीं हुआ होगा. क्या इस तरह की शांति है जो ये लोग चाहते हैं. वह सिर्फ एक लड़का था. उन्हें हमारे बच्चे के शव को वापस करना चाहिए, हमने उसके लिए एक कब्र तैयार रखी है.
पुलिस के अनुसार मुठभेड़ तब शुरू हुई जब सेना को आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में सूचना मिली और 29 दिसंबर की शाम तलाशी अभियान शुरू किया गया. सुरक्षा बलों ने कहा कि ऑपरेशन को रात के अंधेरे के कारण रोक दिया गया था और 30 दिसंबर की सुबह फिर से शुरू कर दिया गया. सुरक्षा बलों के अनुसार ऑपरेशन तीन छिपे हुए आतंकवादियों की हत्या के साथ लगभग 11.30 बजे समाप्त हो गया. इसके बाद स्थानीय लोगों द्वारा पथराव और विरोध प्रदर्शन किया गया, जिसे पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने नियंत्रित किया.
मुठभेड़ के तुरंत बाद आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जनरल ऑफिसर कमांडिंग किलो फोर्स एचएस साही ने कहा कि आतंकवादियों द्वारा इस्तेमाल किए गए गोला-बारूद की प्रकृति से पता चलता है कि वे राजमार्ग पर बड़े धमाके की योजना बना रहे थे.