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J-K: इस साल 21 टारगेट किलिंग, कभी कश्मीरी पंडित तो कभी प्रवासी मजदूर बने आतंकियों का निशाना

जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग्स का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. मंगलवार को आतंकियों ने दो कश्मीरी पंडित भाइयों पर हमला कर दिया. इस हमले में एक की मौत हो गई. आतंकी लगातार कश्मीरी पंडितों, प्रवासी मजदूरों और सरकारी कर्मचारियों को टारगेट कर रहे हैं. इस साल आतंकियों ने 21 लोगों की हत्या कर दी है.

आतंकी लगातार कश्मीरी पंडित, सरकारी कर्मचारी और प्रवासी मजदूरों को टारगेट कर रहे हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर) आतंकी लगातार कश्मीरी पंडित, सरकारी कर्मचारी और प्रवासी मजदूरों को टारगेट कर रहे हैं. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 2:54 PM IST

Target Killings in Kashmir: जम्मू-कश्मीर में कश्मीरी पंडितों को एक बार फिर से टारगेट किया गया है. मंगलवार को शोपियां जिले के चोटीगाम गांव में आतंकियों दो कश्मीरी पंडित भाइयों पर हमला कर दिया. इस हमले में एक की मौत हो गई, जबकि दूसरा घायल है. 

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, मंगलवार को सुनील कुमार पंडित अपने भाई पीतांबर नाथ पंडित के साथ सेब के बाग जा रहे थे. तभी वहां आतंकी आए, उनसे नाम पूछा और गोलियां बरसा दीं. इस हमले में सुनील की मौत हो गई. आतंकियों ने उन पर AK-47 असॉल्ट राइफल से हमला किया था. न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इस साल कश्मीर में टारगेट किलिंग में 21 लोगों की जान चली गई है.

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कश्मीरी पंडित की हत्या के बाद सरकार भी एक्शन में आ गई है. प्रशासन ने हत्या में शामिल आतंकी के घर को जब्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इतना ही नहीं, सुरक्षाबलों ने आतंकियों को पनाह देने के आरोप में पिता और भाई को गिरफ्तार भी कर लिया है.

न्यूज एजेंसी के मुताबिक, चोटीगाम में सिर्फ दो या तीन ही कश्मीरी पंडित परिवार रहते हैं. ये जगह शोपियां डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर से 10 किलोमीटर और श्रीनगर से 70 किलोमीटर दूर है. ये जगह लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों का गढ़ है.

एक ने गोली चलाई, दूसरे ने वीडियो बनाया 

पुलिस ने बताया कि दो आतंकी दिनदहाड़े बाग में आए. इनमें से एक ने AK-47 से भाइयों पर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. दूसरा आंतकी मोबाइल से वीडियो बना रहा था. 

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सुनील कुमार अपने पीछे चार बेटियां और पत्नी को छोड़ गए हैं. उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी. उनके भाई की हालत भी नाजुक बनी हुई है और आर्मी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है.

इससे पहले इसी साल अप्रैल में इसी गांव में आतंकियों ने कश्मीरी पंडित बालकृष्ण भट उर्फ सोनू कुमार पर गोलियां बरसा दी थीं. इस हमले में वो बुरी तरह घायल हो गए थे और लंबे समय तक उनका इलाज चला था. 

इस साल आतंकियों ने ली 21 जानें

इस साल की शुरुआत से ही टारगेट किलिंग की घटनाओं में अचानक तेजी आ गई है. आतंकी अल्पसंख्यकों, प्रवासी मजदूरों और पुलिस जवानों को टारगेट कर रहे हैं. इस साल टारगेट किलिंग में 21 लोगों की मौत हो चुकी है.

मई में आतंकियों ने बड़गाम के चडूरा इलाके में तहसीलदार दफ्तर में घुसकर कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या कर दी थी. अब सुनील कुमार की हत्या ने घाटी में रह रहे अल्पसंख्यकों को डरा दिया है. कश्मीर पंडित संघर्ष समिति (KPSS) ने कश्मीरी पंडितों से घाटी छोड़कर सुरक्षित जगह जाने को कहा है. 

समिति के प्रमुख संजय टिक्कू ने न्यूज एजेंसी से कहा कि एक और कश्मीरी पंडित की हत्या कर आतंकियों ने साफ कर दिया है कि वो घाटी में रह रहे सभी कश्मीरी पंडितों को मार डालेंगे. उन्होंने सभी कश्मीरी पंडितों से घाटी छोड़कर जम्मू और दिल्ली चले जाने को कहा है.

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इस साल कब-कब हुई टारगेट किलिंग?

- जनवरीः अनंतनाग में आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल अली मोहम्मद पर हमला कर दिया था. इस हमले में उनकी मौत हो गई थी. 

- मार्चः इस महीने आतंकियों ने 7 लोगों की हत्या की थी. इनमें 5 आम नागरिक थे. जबकि, शोपियां में छुट्टी पर गए सीआरपीएफ जवान की हत्या कर दी थी. बड़गाम में स्पेशल पुलिस ऑफिसर को भी आतंकियों ने मार डाला था. इस हमले में एसपीओ के भाई की भी मौत हो गई थी.

- अप्रैलः इस महीने आतंकियों ने दो लोगों की हत्या की. इनमें बारामूला में मंजूर अहमद भी शामिल थे. मंजूर अहमद सरपंच थे. 

- मईः दो जवान और तीन लोगों की हत्या आतंकियों ने कर दी थी. इनमें राहुल भट्ट भी शामिल थे. राहुल भट्ट राजस्व अधिकारी थे. उनके अलावा टीवी एक्ट्रेस आमरीन भट्ट और सरकारी स्कूल की टीचर रजनी बाला की भी हत्या कर दी थी.

- जूनः कुलगाम में इलाकी देहाती बैंक के मैनेजर विजय कुमार की गोली मारकर हत्या कर दी थी. विजय कुमार राजस्थान के हनुमानगढ़ के रहने वाले थे. उनके अलावा बड़गाम में ईंट भट्टी में काम करने वाले दिलखुश कुमार को आतंकियों ने मार डाला था. दिलखुश बिहार के अररिया जिले के रहने वाले थे.

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- अगस्तः अब तक तीन लोगों की हत्या हो चुकी है. इनमें दो प्रवासी मजदूर और एक कश्मीरी पंडित शामिल हैं. 4 अगस्त को पुलवामा और 12 अगस्त को बांदीपोरा में आतंकियों ने प्रवासी मजदूरों की हत्या कर दी थी. दोनों बिहार के रहने वाले थे.

 

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