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J-K: आतंकी संगठन 'कश्मीर फाइट' की इजरायल को धमकी, नहीं बनने देगा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस

जम्मू-कश्मीर में इजरायल दो सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने जा रहा है, इसकी जमीन के लिए इजरायली अधिकारी दौरा भी कर चुके हैं. अब आतंकी संगठन 'कश्मीर फाइट' ने इजरायल को धमकी दी है कि वह सेंटर ऑफ एक्सीलेंस नहीं बनने देगा.

सांकेतिक फोटो सांकेतिक फोटो
सुनील जी भट्ट
  • नई दिल्ली,
  • 10 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 12:17 PM IST

जम्मू-कश्मीर में इजरायल की ओर से दो सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जा रहे हैं. इसको लेकर स्थानीय आतंकी संगठन 'कश्मीर फाइट' ने इजरायल को धमकी दी है. आतंकी संगठन का कहना है कि वह जम्मू-कश्मीर में इजरायली कृषि उत्कृष्टता केंद्र नहीं बनने देगा. 

आतंकी संगठन ने इजरायल को धमकी देते हुए कहा कि अगर वह जम्मू-कश्मीर में अपनी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाएगा तो उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. जम्मू-कश्मीर में इजरायली संपत्तियों को निशाना बनाया जाएगा. इसके साथ ही आतंकी संगठन ने स्थानीय लोगों से कहा कि वह सेंटर के लिए इजरायलियों को अपनी जमीन न दें. अगर उन्होंने ये बात नहीं मानी तो उन्हें भी टारगेट किया जाएगा.  

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इस मामले में इंडिया टुडे ने रिपोर्ट की थी कि जम्मू-कश्मीर में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इजरायल द्वारा सेटअप किया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर में दो सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित किए जा रहे हैं. इसके तहत इजरायल जम्मू-कश्मीर के किसानों को फसल विविधता, उत्पादकता में वृद्धि के लिए जागरूक भी करेगा. इसमें से एक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस जम्मू तो दूसरा कश्मीर क्षेत्र में स्थापित किया जाएगा. 

इजरायली अधिकारी कर चुके हैं दौरा

जम्मू कश्मीर क्षेत्र में जो फल और सब्जियां अधिक उपज रही हैं, उसकी उत्पादकता में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की मदद से कृषि क्षेत्र को बढ़ावा दिया जाएगा. इस बीच इजरायली अधिकारियों ने कृषि में उत्कृष्टता केंद्रों के लिए स्थानों की सूची बनाने के लिए जम्मू और कश्मीर का दौरा किया है. 

जम्मू कश्मीर में खेती में बहुत संभावनाएं 

इजरायल की तरफ से जारी अधिकारिक बयान के अनुसार, खेती में जम्मू-कश्मीर में बहुत संभावनाएं हैं. हम जम्मू-कश्मीर के किसानों के साथ उन्नत प्रौद्योगिकी साझा करने के लिए तैयार हैं. इससे पहले भी हम एक दूसरे के साथ कृषि से जुड़ी तकनीकें साझा करते रहे हैं. जम्मू-कश्मीर में सेब, अखरोट और केसर का उत्पादन बड़े स्तर पर होता है. इसका निर्यात देश के अन्य हिस्सों में किया जाता है. अब इन्हें बड़े स्तर पर प्रमोट करके एक अलग पहचान दिलाने की कोशिश की जा रही है.  

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